एमएसडीई ने कौशलाचार्य अवार्ड्स 2021 प्रदान किये

स्किल इकोसिस्‍टम में आदर्श योगदान के लिये 41 कुशलता प्रशिक्षकों का सम्‍मान किया गया

नई दिल्‍ली, सितंबर, 2021: कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आज कौशलाचार्य अवार्ड्स के तीसरे संस्‍करण पर आयोजित एक डिजिटल सभा में प्रशिक्षकों को सम्‍मानित किया और चार नये ट्रेड्स लॉन्‍च किये। एमएसडीई ने यह भारत के युवाओं को सशक्‍त करने और ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रशिक्षकों को स्किल इंडिया मिशन से जुड़ने हेतु प्रोत्‍साहित करने के अपने प्रयास में किया था। आयोजन में स्किल इंडिया की कई पहलों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के 41 प्रशिक्षकों का सम्‍मान किया गया। यह पहलें और कार्यक्रम हैं- डायरेक्‍टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) अप्रेन्टिसशिप, प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाय), जन शिक्षण संस्‍थान (जेएसएस और एंटरप्रेन्‍योरशिप। उनका सम्‍मान भविष्‍य के लिये तैयार एक कुशल कार्यबल बनाने और यह सुनिश्चित करने में योगदान देने के लिये किया गया था कि क्षमता-निर्माण के प्रयास जारी रहें।
कौशल विकास एवं उद्यमिता और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा, “आज का यह अवसर वास्‍तव में शुभ है, जहाँ हम संसार के रचियता और हमारे स्किल इकोसिस्‍टम के निर्माताओं को सम्‍मानित कर रहे हैं। यह महत्‍वपूर्ण है कि हम अपने उन युवाओं और सभी प्रतिभा-संपन्‍न लोगों की स्किलिंग, रिस्किलिंग और अपस्किलिंग पर जोर दें, जो राष्‍ट्र-निर्माण के लिये काम कर सकते हैं। आने वाले समय में, अपग्रेडेड अध्‍यापन वाले कुशल शिक्षकों की मांग होगी। ऐसा अध्‍यापन, जो आधुनिक, वैज्ञानिक और आज के बाजार की मांग के लिये प्रासंगिक और उन्‍नत वैश्विक मानकों का हो। इसके साथ ही प्रशिक्षण देते समय क्षेत्रीय भाषाओं को अपनाना बहुत आवश्‍यक है। इस प्रकार कुशलता प्रशिक्षण वास्‍तव में प्रभावी बनेगा। हमें जमीनी स्‍तर पर कौशल और शिक्षा को एकीकृत करने पर भी ध्‍यान देना चाहिये, ताकि भारत ऐसी उत्‍पादक अर्थव्‍यवस्‍था बने, जो विश्‍व का नेतृत्‍व कर सकती हो।”
उन्‍होंने आगे कहा, ‘’प्रशिक्षक और अध्‍यापक एक बड़ा बदलाव कर सकते हैं, क्‍योंकि वे स्‍टूडेंट्स के सर्वश्रेष्‍ठ रूप को सामने लाते हैं और उन्‍हें सच में आत्‍मनिर्भर बनने में सक्षम बनाते हैं। एक निपुण शिक्षक स्‍टूडेंट्स की जरूरतों को बेहतर समझता है और इसलिये, शिक्षकों का मानकीकरण और प्रशिक्षण सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है, ताकि शिक्षा देने की अच्‍छी गुणवत्‍ता सुनिश्चित हो सके।‘’
प्रशिक्षकों का सम्‍मान विभिन्‍न श्रेणियों के अंतर्गत उनके योगदान के लिये किया गया। पाँच प्रशिक्षकों को पीएमकेवीवाय ट्रेनर और एक्‍सीलेंस इन पीएमकेवीवाय मास्‍टर ट्रेनर नामक दो श्रेणियों में पुरस्‍कृत किया गया। नौ प्रशिक्षकों ने जेएसएस के अंतर्गत पुरस्‍कार प्राप्‍त किया, जबकि दो प्रशिक्षकों को एंट्रीप्रेन्‍योरशिप में योगदान के लिये पुरस्‍कृत किया गया। इसके अलावा, पाँच अभ्‍यर्थियों को अप्रेन्टिसशिप श्रेणी के अंतर्गत पुरस्‍कार मिले और दो प्रशिक्षकों को डीजीटी ने नॉन-इंजिनियरिंग श्रेणी में पुरस्‍कृत किया। इंजिनियरिंग श्रेणी में दो लोगों का सम्‍मान हुआ। इंडस्‍ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (आईटीआई) भारत के व्‍यावसायिक प्रशिक्षण की पारिस्थितिकी के स्‍तंभ हैं। उनके 11 प्रशिक्षकों को सम्‍मानित किया गया।
इस आयोजन में क्राफ्ट्समेन इंस्‍ट्रक्‍टर ट्रेनिंग स्‍कीम (सीआईटीएस) के अंतर्गत चार व्‍यापारों की शुरूआत भी हुई, जिन्‍हें नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (एनएसटीआई) में पढ़ाया जाएगा। यह हैं- लिफ्ट एंड एस्‍केलेटर मेकैनिक, कंप्‍यूटर ऐडेड एम्‍ब्रॉइडरी एंड डिजाइनिंग, मल्‍टीमीडिया एनिमेशन एंड स्‍पेशल इफेक्‍ट्स और इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी। इनकी पढ़ाई 2021-2022 सत्र से शुरू होगी। 15 जुलाई को 53 अन्‍य व्‍यापार भी लॉन्‍च हुए थे, जिनका प्रशिक्षण जल्‍दी ही शुरू होगा।
इन कोर्सेस का उद्देश्‍य है भविष्‍य के लिये तैयार इकोसिस्‍टम के लिये कार्यबल को प्रशिक्षित करना और ज्‍यादा पारिश्रमिक वाली नौकरियों के साथ एक प्रतिस्‍पर्द्धी अर्थव्‍यवस्‍था का निर्माण करना। इन कोर्सेस के सत्र की शुरूआत 2021-2022 से पाँच एनएसटीआई में होगी, जिनमें से प्रत्‍येक के पास 25 स्‍टूडेंट्स के बैठने की क्षमता होगी। यह एनएसटीआई हावड़ा, नोएडा, इंदौर, मुंबई और बेंगलुरू में स्थित हैं। इन पाँच चुने गये एनएसटीआई में से चार केवल महिलाओं के लिये हैं।
पिछले दो वर्षों में ऐसे कार्यक्रमों पर बहुत जोर दिया गया है, जो प्रशिक्षकों और निर्धारकों को प्रशिक्षित करें। ताकि स्किल इंडिया मिशन का उद्देश्‍य साकार हो और युवाओं को अपने चुने गये व्‍यापारों में सर्वश्रेष्‍ठ और सबसे नवीकृत प्रशिक्षण मिले। डीजीटी के अंतर्गत नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स, और एनएसडीसी, स्किल यूनिवर्सिटीज और प्राइवेट ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स के अंतर्गत विभिन्‍न सेक्‍टर स्किल काउंसिल्‍स में विशिष्‍ट और उत्‍कृष्‍ट प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अलावा, एनएसडीसी ने सिंगापुर पॉलीटेक्निक और तामासेक फाउंडेशन के साथ मिलकर देश में मानकीकृत कौशल विकास के लिये नये दिशा-निर्देश विकसित किये हैं। इसके अंतर्गत, सभी प्रशिक्षण केन्‍द्रों में सविमर्श अभ्‍यास और स्‍व-निर्देशित शिक्षा पर कार्यान्‍वयन हो रहा है। एनएसडीसी ने 14 सेक्‍टरों में 196 तरह की नौ‍करियों के अंतर्गत 45000 प्रशिक्षकों, 26000 निर्धारकों, 3000 मास्‍टर ट्रेनर्स और 817 लीड्स को प्रमाणित किया है।
डीजीटी ने भी अग्रणी कॉर्पोरेट्स, जैसे एसएपी, एडोब, सिस्‍को, आईबीएम और नैस्‍कॉम के साथ भागीदारियाँ की हैं, ताकि उद्योग-उन्‍मुख कोर्सेस विकसित किये जा सकें। उसने नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंट्रीप्रेन्‍योरशिप एंड स्‍मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (एनआईईएसबीयूडी) के साथ गठजोड़ किया है, ताकि प्रशिक्षकों को उन्‍नत प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। डीजीटी की क्राफ्ट इंस्‍ट्रक्‍टर ट्रेनिंग स्‍कीम (सीआईटीएस) का लक्ष्‍य है यह सुनिश्चित करना कि प्रशिक्षकों को उद्योग से जुड़ा प्रशिक्षण मिले, ताकि वे नौकरी की भूमिकाओं से संबद्ध उभरती मांगों को पूरा कर सकें। इस योजना पर 33 नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (एनएसटीआई) और 18 इंस्टिट्यूट्स ऑफ ट्रेनिंग ट्रेनर्स में कार्यान्‍वयन हो रहा है। इससे हर साल लगभग 12000 प्रशिक्षक प्रशिक्षित होंगे।
ग्रामीण स्‍तर पर स्किलिंग को बढ़ावा देने के लिये, जन शिक्षण संस्‍थान (जेएसएस) ने ट्रेनिंग फॉर ट्रेनर्स प्रोग्राम पर कार्यान्‍वयन किया है। इसके अंतर्गत 2300 जेएसएस 5000 से ज्‍यादा कुशल लोगों के क्षमता-निर्माण प्रशिक्षण में संलग्‍न हैं। इस प्रकार सुदूर स्‍थानों में प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
कौशलाचार्य अवार्ड्स इसी दिशा में एक कदम है। भारतीय कुशलता पारिस्थितिकी में प्रशिक्षकों के योगदान को सम्‍मानित कर यह वार्षिक आयोजन ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रशि‍क्षकों को शामिल होने का रास्‍ता दिखाता है। इसका लक्ष्‍य है देश के युवाओं के दिमागों को निखारने में भूमिका निभाने के लिఀये अनुभवी और कुशल पेशेवरों को प्रोत्‍साहित करना। ऐसा करने से युवा बेहतर आजीविका के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।

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