रेलटेल द्वारा क्रिर्यान्वित एनआईसी ई-ऑफिस का उपयोग करके रेलवे ने 1 करोड़ से अधिक डिजिटल रिसीटें बनाईं

डिजिटल फाइलों की संख्या 16 लाख को पार कर चुकी है
रेलटेल ने 216 रेलवे प्रतिष्ठानों पर इस प्रणाली को क्रियान्वित किया है
  
वर्कस्पेस को डिजिटाइज़ करने के प्रयास में, रेलटेल द्वारा क्रिर्यान्वित एनआईसी ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर रेलवे अधिकारियों द्वारा 1 करोड़ से अधिक डिजिटल रिसीटें और 16.8 लाख डिजिटल फाइलें बनाई गई हैं।  रेलटेल को अप्रैल 2019 में भारतीय रेल चरणबद्ध तरीके से  भारतीय रेलों के अधिकारियों के लिए एनआईसी ई-ऑफिस का कार्य सौंपा गया था। रेलटेल ने भारतीय रेलवे के 216 से अधिक प्रतिष्ठानों (जोनों/ मंडलों/ सीटीआई/ कार्यशालाओं आदि) पर एनआईसी ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर 1.35 लाख उपयोगकर्ता तैयार किए हैं।  रेलटेल ने ई-ऑफिस प्लेटफार्म को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए कठोर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है और उन्हें मैनुअल फ़ाइल सिस्टम का उपयोग करने की आदत छोड़ने के लिए तैयार किया है।
 
मैनुअल फाइलों को डिजिटल फाइलों से बदलकर, भारतीय रेलें न केवल बड़े पैमाने पर परिचालन लागत को बचा रही हैं, बल्कि कागज रहित कार्यालय संस्कृति को बढ़ावा देकर कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर रही हैं।  ई-ऑफिस के क्रिर्यान्वयन के परिणामस्वरूप पारदर्शिता, फाइलों के त्वरित और व्यवस्थित निपटान, लंबित फाइलों की समय पर निगरानी में तेजी आयी है ।
 
ई-ऑफिस की उपलब्धता के कारण, देशव्यापी लॉकडाउन के समय में भारतीय रेलों का बड़ी मात्रा में फ़ाइल कार्य दूरस्थ रूप से किया जा सका है जिससे वे अपना नियमित कार्य जारी रख सके हैं।  एनआईसी ई-ऑफिस रेलटेल के डेटा केंद्रों पर होस्ट किया गया एक क्लाउड सक्षम सॉफ्टवेयर है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म में मैनुअल फाइल कार्यों को स्थानांतरित करने का एक प्रभावी तरीका है, जो सुरक्षित वीपीएन के माध्यम से एक्सेस किए जाने पर कहीं से भी सुलभ है।
 
इस परियोजना के बारे में बात करते हुए, श्री पुनीत चावला, सीएमडी/रेलटेल ने कहा, “ संगठन के आकार और भौगोलिक प्रसार को देखते हुए, रेलटेल के लिए भारतीय रेलवे की संपूर्ण मैनुअल फाइलिंग प्रणाली को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करना एक बहुत बड़ा कार्य था। हालांकि, सबसे कठिन कार्य था, उपयोगकर्ताओं को मैनुअल फ़ाइल सिस्टम का उपयोग करने की आदत छोड़ने के लिए प्रेरित करना और उन्हें कागजरहित कार्यप्रणाली को अपनाने के लिए तैयार करना। काम करने की नई प्रणाली अनुकूल करने के लिए।  रेलटेल टीम ने न केवल निर्धारित समय सीमा से पहले क्रिर्यान्वयन को पूरा करने में सफलता प्राप्त की है बल्कि सिस्टम को सफलतापूर्वक अपनाने में भी मदद की है। ”
 
 रेलटेल के बारे में
रेलटेल एक “मिनी रत्न (श्रेणी-I)” केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश के सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं में से एक है, जिसके पास देश के कई कस्बों और शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को कॅ वर करने वाला अखिल भारतीय ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है। ऑप्टिक फाइबर के 60000 से अधिक मार्गकिलोमीटर के एक मजबूत विश्वसनीय नेटवर्क के साथ, रेलटेल के पास दो इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) पैनल वाले टियर III डेटा सेंटर भी हैं।  अपने अखिल भारतीय उच्च क्षमता नेटवर्क के साथ, रेलटेल विभिन्न फ्रंटों पर एक नॉलेज़ सोसाइटी बनाने की दिशा में काम कर रही है और इसे दूरसंचार क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न मिशन-मोड परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए चुना गया है।  रेलटेल एमपीएलएस-वीपीएन, टेलीप्रेजेंस, लीज लाइन, टॉवर को-लोकेशन, डाटा सेंटर सेवाएं आदि जैसी सेवाओं का एक समूह उपलब्ध कराती है।  रेलटेल देशभर में रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाई-फाई उपलब्ध कराकर रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में बदलने के लिए भारतीय रेलवे के साथ भी कार्य कर रही है और कुल 6050 से अधिक स्टेशन रेलटेल के रेलवायर वाई-फाई के साथ लाइव हैं ।   

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