सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल, मुंबई में किया गया पश्चिमी भारत का पहला माइट्राक्लिप प्रोसीजर

दो रोगियों पर माइट्राक्लिप प्रोसीजर किया गया और 48 घंटों में उन्हें छुट्टी दे दी गई
मुंबई का सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल, पश्चिमी भारत का एकमात्र संस्थान है जिसे माइट्राक्लिप के लिए अनुमोदित किया गया है

मुंबई, 29 सितंबर, 2021: सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में पश्चिमी भारत का पहला माइट्राक्लिप प्रोसीजर किया गया। जिन दो रोगियों पर यह प्रोसीजर किया गया उन्हें 48 घंटों के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पूरी प्रक्रिया को डॉ. मौलिक पारेख, कंसल्टेंट-कार्डियोलॉजिस्ट, सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल और डॉ. निहार मेहता, कंसल्टेंट-कार्डियोलॉजिस्ट, सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल द्वारा किया गया।
माइट्राक्लिप एक नया और क्रांतिकारी ट्रीटमेंट है, जिसमें ओपन-हार्ट सर्जरी के बिना ही लीक हुए माइट्रल वाल्व की मरम्मत की जाती है। यह एक अत्यधिक विशिष्ट और परिष्कृत चिकित्सा है, जिसमें माइट्रल वाल्व के दो लीफलेट्स को उस जगह पर क्लिप किया जाता है जहां से वह लीक हो रहा हो। हृदय की रुकावट, हृदय कक्षों के फैलाव, वाल्व लीफलेट प्रोलैप्स आदि जैसे विभिन्न कारणों से माइट्रल वाल्व लीक हो सकता है। इनमें से अधिकांश मामलों में माइट्राक्लिप से उपचार संभव है और इसके उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। पश्चिमी दुनिया में इस डिवाइस का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है, लेकिन भारत में यह पिछले साल ही आया है और अब सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में उपलब्ध है। इस प्रोसीजर के मुख्य लाभ हैं – वाल्व रिगर्जेटेशन में कमी, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, सांस फूलने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना का कम होना, दिल के आकार में अनुकूल कमी और जोखिम भरी ओपन-हार्ट सर्जरी से बचाव।
78 वर्षीय श्री सुधीर मेहता को कुछ महीने पहले हृदय गति में रुकावट और सीने में संक्रमण के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जांच में उनके माइट्रल वाल्व के गंभीर रिसाव का पता चला। सबसे पहले उनके संक्रमण पर काबू पाया गया उसके बाद 23 अगस्त 2021 को मुंबई के सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में उन्हें माइट्राक्लिप चिकित्सा दी गई। प्रोसीजर वाले दिन ही वे ठीक महसूस करने लगे और 48 घंटों के भीतर उन्हें छुट्टी दे दी गई।
80 वर्षीय श्री रमेश राडिया पैरों में सूजन, अनियमित धड़कन और सांस फूलने से पीड़ित थे। जांच में उन्हें गंभीर माइट्रल रेगुर्गिटेशन के साथ माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स का पता चला। 24 अगस्त 2021 को माइट्राक्लिप प्रोसीजर से उनका इलाज किया गया और 48 घंटों के भीतर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. मौलिक पारेख ने कहा: “गंभीर माइट्रल रेगुर्गिटेशन (लीक) से जूझ रहे बुजुर्ग और रोगी, अब मुंबई में उपलब्ध माइट्राक्लिप थेरेपी से लाभान्वित होंगे।”
सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. निहार मेहता ने कहा: “माइट्रल वाल्व के रिसाव से पीड़ित कई रोगियों को सांस लेने में तकलीफ के कारण बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था, परंतु अब उनका इलाज इस थेरेपी से किया जा सकता है और इसमें ओपन हार्ट सर्जरी का जोखिम भी नहीं हैं।”
सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के सी.ई.ओ., डॉ तरंग ज्ञानचंदानी ने कहा: “हम रोगियों को विश्व स्तरीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लिनिकल मदद देने में सबसे आगे हैं। बेहतर देखभाल, करुणा और प्रतिबद्धता के साथ हम अपने सभी रोगियों का ख्याल रखते हैं।”
सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में मुंबई की पहली माइट्राक्लिप प्रोसीजर को अंजाम देने वाली टीम, बहुत से हृदय रोग विशेषज्ञों को मिला कर बनी थी। इसमें शामिल थे- डॉ. निहार मेहता, डॉ. मौलिक पारेख, डॉ ए बी मेहता और डॉ. एस आर हांडा। इसके अलावा एनेस्थेटिस्ट- डॉ हार्वेस्प पंथकी और डॉ कृतिका शर्मा भी टीम का हिस्सा थे।

सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के बारे में:
सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल एक 345-बिस्तर वाला मल्टी स्पेशलिटी टेरटियरी केयर अस्पताल है जो ज्वाइंट कमीशन इंटरनेशनल और एनएबीएच द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह एक तकनीकी रूप से उन्नत संस्थान है जिसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ डिज़ाइन किया गया है। बुनियादी ढांचे, चिकित्सा देखभाल और रोगी-सुरक्षा जैसे मानदंडों में अस्पताल सबसे कड़े मानदंडों का पालन करता है। अस्पताल के परिसर से लेकर उसकी प्रक्रियाओं तक और अस्पताल में काम करने वाले पेशेवरों तक, अस्पताल के सभी तत्वों का एक ही प्रमुख सिद्धांत है “जीवन को सम्मान”। अस्पताल में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र हैं: कार्डिएक साइंसेज, एडवांस कार्डियक सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज, न्यूरोसाइंसेस, ऑन्कोसाइंसेस, रीनल साइंसेज, रोबोटिक सर्जरी, ट्रांसप्लांट मेडिसिन (लिवर, हार्ट, लंग, किडनी और बोन मैरो), मिनिमल एक्सेस और जनरल सर्जरी, प्रसूति और स्त्री रोग, बाल विज्ञान, पुनर्वसन और खेल चिकित्सा।

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