नयी दिल्ली, 06 अक्तूबर, 2021- राजस्थान सरकार एक जबरदस्त शिक्षा प्रणाली को लेकर नए सिरे से प्रयास करती रही है जिससे युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों एवं उद्यमशीलता के विचारों के लिए तैयार किया जा सके। 21 सितंबर से 13 नवंबर तक देशभर में कक्षा 6 से 12 तक के स्कूली विद्यार्थियों द्वारा अनूठे उद्यमशीलता विचारों को लेकर चलाई जा रही प्रतिस्पर्धा इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन के दौरान राजस्थान में यूथ आइडियाथॉन एंड आंत्रप्रिन्योरशिप विषय पर आयोजित एक वेबिनार में एक प्रख्यात पैनल ने यह विचार व्यक्त किया। विद्यार्थी इस प्रतिस्पर्धा में निःशुल्क प्रतिभाग करने के लिए वेबसाइट पर जा सकते हैं और जितने भी विचार हों, उन्हें जमा कर सकते हैं।
दि यूथ आइडियाथॉन का आयोजन स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर थिंकस्टार्टअप द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतर्गत मैनेजमेंट आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोफेशनल स्किल काउंसिल (एमईपीएससी) और बजाज एलायंज लाइफ की साझीदारी में किया जा रहा है। एमईपीएससी ने यूथ आइडियाथॉन में प्रत्येक प्रतिभागी राज्य के लिए सुपर 50 जत्था बनाने की घोषणा की है। अन्य साझीदारों में क्रांप्टन ग्रीव्स, मैकमिलन एजुकेशन, टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन फोरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल, आईआईएम विशाखापत्तनम, शीएटवर्क, ईडीएफ रिन्यूएबल्स, टॉपर, लॉ सीखो, स्किल ट्रेनर, सीआईएसएस, केयर एंड एलायड सर्विसेज, ओलिव हेरिटेज और जिंजर वेब्स शामिल हैं। इसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा भी मान्यता दी गई है।
इस प्रतिस्पर्धा में लाखों विद्यार्थियों के हिस्सा लेने की संभावना है जिसमें से 500 युवा नवप्रवर्तकों को छांटा जाएगा और वीडिया इंटरव्यू के जरिये शीर्ष 100 प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन के विजेता विचारों को प्रोटोटाइप या उत्पादों में विकसित किया जाएगा और प्रतिभागी विद्यार्थियों के लिए नकद पुरस्कार, मार्गदर्शन, इनक्यूबेशन और सहयोग के रूप में उत्साहजनक पुरस्कार रखे गए हैं। विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार के अलावा, शीएटवर्क की तरफ से सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा के लिए एक विशेष पुरस्कार भी होगा और अलग अलग क्षेत्रों में शीर्ष प्रतिभागियों के लिए प्रमाण पत्र एवं मार्गदर्शन प्रोग्राम होंगे।
इस वेबिनार में बोलते हुए एमईपीएससी के सीईओ कर्नल अनिल कुमार पोखरियाल ने कहा, उद्यमशीलता आपके सपनों को वास्तविक रूप प्रदान करने की एक यात्रा है। युवा कई महान विचारों की खान हैं और परिवार एवं समाज खासतौर पर स्कूल के अध्यापकों के उत्साहवर्धन से ये विचार कई गुना बढ़ जाते हैं। बस जरूरत इस बात की है कि इन युवा बच्चों को लीक से हटकर सोचने दिया जाए और उनकी सोच का समर्थन करें। तभी यूथ आइडियाथॉन जैसी पहल अपने मिशन को पूरा करेगी और इन बच्चों को बड़े सपने देखते रहने को प्रेरित करेगी। यूथ आइडियाथॉन को लेकर पैदा हो रही रूचि को देखकर हम एमईपीएससी में यूथ आइडियाथॉन के लिए प्रत्येक राज्य के लिए सुपर 50 जत्था तैयार करने जा रहे हैं।
विवेकानंद ग्लोबल युनिवर्सिटी के चांसलर डॉक्टर ललित के पंवार ने कहा, यूथ आइडियाथॉन युवा बच्चों में उद्यमशीलता की सोच पैदा करने की एक अनूठी पहल है। इस पहल से निश्चित तौर पर बच्चों की सोच विस्तृत करने में मदद मिलेगी। संस्थानों और स्कूलों को इस तरह के अनूठे एवं सराहनीय आयोजन में हिस्सा लेने के लिए सशक्त करना चाहिए। यूथ आइडियाथॉन महान विचारों के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा जो अधिक से अधिक रोजगार देने वालों का सृजन कर भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
राजस्थान सरकार के ब्रांड अंबेसडर परेश गुप्ता ने कहा, भारत अपने युवाओं की प्रतिभा का दोहन करने की एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। यह दोहन तभी हो सकता है जब युवाओं को उद्यमशीलता की ओर गंभीरता से देखने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, अन्यथा आपदा जैसी स्थिति बनने का जोखिम है। भारत का युवा, विचारों से परिपूर्ण है और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम इन विचारों से लाभ उठाएं और युवाओं को पोषित कर इस राष्ट्र का मान बढ़ाएं।
दि आंत्रप्रिन्योरशिप स्कूल के संस्थापक संजीव शिवेश ने कहा, उद्यमशीलता 21वीं सदी का कौशल है। इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन जैसे आयोजन में अगली पीढ़ी के लिए करियर के नए रास्ते तैयार करने की ताकत है। इसका मंत्र है युवावस्था में इन्हें थाम लें। दुनिया की वास्तविक समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें। समस्याओं को हल करने की सोच हर विषय में हो सकती है। हालांकि, इसके लिए पाठ्यक्रम को बदले जाने की जरूरत है।
राजस्थान राज्य में करीब 1.05 लाख प्राथमिक विद्यालय हैं और देश में यहां की साक्षरता दर सबसे कम करीब 60 प्रतिशत है। इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन जैसी पहल से शिक्षा को प्राथमिकता देने के राज्य सरकार के विजन को प्रोत्साहन मिलेगा और विद्यार्थी प्रतिभाग करने के लिए सशक्त होंगे। साथ ही युवाओं की सोच को पोषण मिलेगा जिससे वे अनूठे विचार के साथ सामने आ सकेंगे।
