सफदरजंग अस्पताल में नाजुक हालत में भर्ती दुष्कर्म पीड़ित युवती को इलाज के लिए सिंगापुर भेजे जाने के मामले को एजेंसियों ने टॉप सीक्रेट रखा हुआ था। ऑपरेशन सिंगापुर के मामले में किसी भी अधिकारी को मुंह न खोलने की सख्त हिदायत दी गई थी। इससे अंतिम समय तक लोगों को पता नहीं चला सका कि पीड़ित को कहा ले जाया जा रहा है।
मीडिया भी सफदरजंग अस्पताल से एंबुलेंस का पीछा करते हुए आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंची। तब खुलासा हुआ कि उसे सिंगापुर भेजा जा रहा है। एयरपोर्ट के अधिकारियों को भी अंतिम समय में सूचना दी गई। एंबुलेंस जब रास्ते में थी तब अधिकारियों को बताया गया कि एयर एंबुलेंस में तब्दील क्लब वन एयर की चार्टर्ड फ्लाइट डोमेस्टिक टर्मिनल वन-डी से उड़ान भरेगी। उधर, छह घंटे के भीतर पीड़िता सहित उसके साथ जाने वाले दस लोगों के पासपोर्ट-वीजा जुटाए गए। एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि क्लब वन फ्लाइट में जीवन रक्षक प्रणाली पहले से ही लगा दी गई थी। पीड़िता के आने पर उसमें सिर्फ आक्सीजन गैस सिलेंडर, जरूरी मेडिकल उपकरण व दवाइयां रखी गई।
मालूम हो कि दुष्कर्म पीड़ित युवती को बेहतर इलाज के लिए बुधवार देर रात सिंगापुर भेजा गया था। क्लब-वन एयर के 16 सीट वाले चार्टर्ड विमान में पीड़ित युवती के साथ दस लोग विदेश गए। इनमें पीड़िता के माता-पिता सहित चार परिजन, सफदरजंग आइसीयू के इंचार्ज डॉ. पीके वर्मा व डॉ. यतीन के अलावा सरकार व अन्य एजेंसियों के तीन अधिकारी मौजूद थे। विमान को एयर एंबुलेंस का रूप देने के लिए एयरपोर्ट पर दोपहर बाद से ही तैयारियां चल रही थीं।