नई दिल्ली, 10 मई, 2022 – बोइंग ने भारत में बोइंग के प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों पर अहम उपकरणों के रखरखाव, मरम्मत और निगरानी जांच (एमआरओ) के क्षेत्र में अवसरों का पता लगाने के लिए एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) के साथ सहयोग की घोषणा की है।
भारत में बोइंग के महत्वपूर्ण रक्षा प्लेटफॉर्म में भारतीय नौसेना द्वारा संचालित P-8I और भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित 777 वीआईपी विमान शामिल हैं। भारतीय नौसेना, एआईईएसएल के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ता-भागीदारों की मौजूदगी में 10 मई 2022 को नई दिल्ली में आयोजित रक्षा सम्मेलन में बोइंग इंडिया आत्मनिर्भरता में इस सहयोग की घोषणा की गई।
बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र आहूजा ने कहा,“एआईईएसएल के साथ हमारा नियोजित सहयोग हमारे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी, असाधारण परिचानल क्षमता और अभियानों की तत्परता को सक्षम बनाते हुए स्थानीय रूप से हमारे रक्षा ग्राहकों को महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने की स्थिति में ला सकता है। साथ ही यह भारत को क्षेत्रीय एमआरओ हब बनाने की भारत सरकार के आत्मानिर्भर भारत की नीति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
भारतीन नौसेना के लिए त्वरित बदलाव को सुनिश्चित करते हुए यह साझेदारी भारतीय नौसेना के बढ़ते पी-8आई बेड़े को सहयोग प्रदान करेगी और साथ ही स्थानीय विमानन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में भी मदद करेगी। यह देसी एमआरओ क्षमता के निर्माण में भी मदद करेगा क्योंकि इसके तहत भारत में पहली बार पी-8आई के लैडिंग गियर की मरम्मत और निगरानी जांच की शुरुआत होगी।
एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ शरद अग्रवाल ने कहा, “इस तरह का सहयोग भारत में एमआरओ क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में हमारे दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। हम इसे लेकर बेहद उत्साहित और प्रतिबद्ध हैं क्योंकि हम बोइंग इंडिया रिपेयर डिवेलपमेंट एंड सस्टेनमेंट हब पहल के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को बेहद अहम सहयोग प्रदान कर रहे हैं।’’
एआईईएसएल के साथ बोइंग इंडिया का सहयोग बोइंग इंडिया रिपेयर डिवेलपमेंट एंड सस्टेनमेंट हब पहल को और गति प्रदान करेगा। बर्ड्स हब पहल भारत के भीतर देसी नेटवर्क और बोइंग के नेतृत्व वाली आपूर्तिकर्ताओं का गठबंधन है, जिसके तहत रक्षा और वाणिज्यिक विमानों के इंजीनियरिंग, रख रखाव, कौशल विकास, मरम्मत और सेवाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिस्पर्धी एमआरओ पारितंत्र के निर्माण की कल्पना की गई है। यह हब भारी रख रखाव, कल पुर्जों की मरम्मत, प्रशिक्षण और एमआरओ का काम करने वाले लोगों के कौशल विकास के मामले में व्यापक क्षमताओं को समेटे हुए हैं, जिसका लगातार विस्तार हो रहा है।
बोइंग इंडिया रिपेयर डिवेलपमेंट एंड सस्टेनमेंट का एक महत्वपूर्ण पहलू भारत में उच्च गुणवत्ता वाली एमआरओ क्षमताओं का निर्माण करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चलाना है, ताकि मुख्य आपूर्तिकर्ताओं को आपूर्ति करने वाले उप-आपूर्तिकर्ताओं और मध्यम, लघ व सूक्ष्म उद्योगों (एमएसएमई) को विकसित कर प्रशिक्षित या कौशल संपन्न मानव संसाधन को बढ़ाया जा सके।
