एसपीआईईएफ सत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सतत विकास के मुद्दे पर हुई बात और सामाजिक आर्थिक विकास में रचनात्मक उद्योग की भूमिका पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, जून, 2022- ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन द आर्कटिक’ में हिस्सा लेने वालों में नेशनल डिफेंस एकेडमी के पूर्व कमांडेंट एवं दक्षिणी कमान एवं पूर्वी कमान के कमांडर-इन-चीफ सतीश सोनी (भारत), रूस में चीनी उद्योगपतियों के प्रेसिडेंट झाउ लिकुन (चीन), यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ-ईस्टर्न नॉर्वे में प्रोफेसर ग्लेन डिजेन शामिल रहें.
भारतीय पक्ष ने इस बात को जोरदार तरीके से रखा कि वह एक सभ्यता से संबंधित जुड़ाव के लिए आर्कटिक क्षेत्र को काफी अहम मानता है. यह अहम है कि क्योंकि आर्कटिक में जलवायु परिवर्तन का असर मॉनसून और खाद्य सुरक्षा (फूड सिक्योरिटी) पर देखने को मिल सकता है.
प्रमुख पहलू वैज्ञानिक क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशना है और यह देखना है कि क्या मिथेन कैप्चर, कार्बन कैप्चर, उत्सर्जन में कमी जैसे मुद्दों पर संयुक्त रूप से रिसर्च किया जा सकता है क्योंकि पूरी दुनिया को इन चुनौतियों का सामना एकसाथ मिलकर करना होगा.
सतीश सोनी ने कहा, “25वें सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में इंटरनेशनल को-ऑपरेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट ऑफ आर्कटिक में हिस्सा लेते हुए हमें काफी अधिक खुशी हो रही है. यह समझना अहम है कि भारत के पास इच्छाशक्ति, भारत योगदान कर सकता है, उसके पास सामर्थ्य है और वह गंभीर है. वैज्ञानिक शोध, इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, श्रमबल और अन्य गतिविधियों में भारत काफी अधिक योगदान कर सकता है. भारत ने कुछ महीने पहले ही आर्कटक पॉलिसी रिलीज की है. यह केवल विदेश मंत्रालय की पॉलिसी नहीं है बल्कि यह आर्कटिक में भागीदारी को लेकर भारत सरकार के पूरे रुख को दिखाता है.”
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में आयोजित क्रिएटिव बिजनेस फोरम नामक सत्र में हिस्सा लेने वालों ने आर्कटिक और उत्तरी क्षेत्रों में क्रिएटिव इंडस्ट्री से जुड़े प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन और सबसे अच्छी व्यवस्थाओं पर चर्चा की. ‘मेड इन द आर्कटिकः ग्रांट्स ऐज अ ड्राइवर ऑफ द क्रिएटिव इकोनॉमी इन द नार्थ’ वस्तुतः ‘क्रिएटिव इंडस्ट्रीज ऑफ द नॉर्थ’ प्रोग्राम का हिस्सा था. यह 2021-23 तक आर्कटिक काउंसिल की रूस की चेयरमैनशिप के तहत होने वाले कार्यक्रमों की सूची में भी शामिल था, जिनका आयोजन रॉसकांग्रेस फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है
प्रेसिडेंशियल फंड फॉर कल्चरल इनिशिएटिव्स के सीईओ रोमन ने कहा कि उनके संगठन ने पिछले एक साल में रूस के 85 क्षेत्रों की करीब 3,000क्रिएटिव टीमों को सपोर्ट किया है. इसके साथ फंड बनाए जाने से रूस में रोजगार के 8,000 मौके पैदा हुए. संगठन को कुल 127.832 बिलियन रूबल के लिए 75,000 से ज्यादा आवेदन मिले. इसमें से आवेदक 42 बिलियन रूबल का निवेश खुद से करने के लिए तैयार हैं.
कारमनोव ने कहा, “हमारे यहां विभिन्न क्षेत्रों में क्रिएटिव प्रोफेशन का काफी अधिक अभाव है. हमारे पास पर्याप्त लेखक, कम्पोजर, संगीतकार और कंटेंट जेनरेट करने वाले नहीं हैं. पैसों का निवेश हो रहा है और परिस्थितियों में बदलाव भी देखने को मिल रहा है और हम ये देख रहे हैं.”
आर्कान्जेस्क क्षेत्र की संस्कृति मंत्री ओक्साना स्वेतलोवा ने कहा कि आर्कान्जेस्क क्षेत्र में विभिन्न प्रोजेक्ट्स को मिले सपोर्ट की वजह से आर्कटिक ओपन इंटरनेशनल फेस्टिवल का विस्तार हुआ है, जो आर्कटिक सिनेमा की पूरी सीरीज को एकसाथ लाता है.इसके साथ ही क्षेत्र में एनिमेशन इंडस्ट्री का विकास हो रहा है. आर्कान्जेस्क क्षेत्र के अधिकारी रूस के एनिमेशन स्टूडियो Soyuzmultfilm के साथ मिलकर एजुकेशनल प्रोजेक्ट्स की शुरुआत पर विचार कर रहे हैं.
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशन इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में आयोजित’द क्रिएटिव इकोनॉमीः ए न्यू वेक्टर इन द डेवलपमेंट ऑफ द नॉर्थ’ सत्र में हिस्सा लेने वालों ने नॉर्थ के सामाजिक-आर्थिक विकास पर क्रिएटिव इंडस्ट्रीज के प्रभाव के साथ-साथ उत्तरी क्षेत्रों में क्रिएटिव प्रोफेशन में उल्लेखनीय सुधार के लिए जरूरी परिस्थितियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा की. यह कार्यक्रम ‘क्रिएटिव इंडस्ट्रीज ऑफ द नॉर्थ’ प्रोग्राम और 2021-23 के दौरान आर्कटिक काउंसिंल की रूस की चेयरमैनशिप के तहत आयोजित होने वाले कार्यकमों की लिस्ट में शामिल था, जिनका आयोजन रॉसकांग्रेस फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा.
आर्कटिक सीनियर ऑफिशियल्स के चेयरमैन और रूस के विदेश मामलों के मंत्रालय के Ambassador-at-Large निकोलय कोरचुनोव ने कहा, “रशियन फेडरेशन वर्तमान में आर्कटिक काउंसिल की अध्यक्षता कर रहा है. इस कार्य के तहत हमारा देश अन्य प्राथमिकताओं के साथ आर्कटिक में रहने वाले लोगों और वहां के मूल लोगों के साथ-साथ मानवीय पहलुओं पर गौर कर रहा है. सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक क्रिएटिव इंडस्ट्रीज के विकास के जरिए हल किया जा सकता है.”
आर्कटिक डेवलपमेंट एंड नॉर्दर्न अफेयर्स ऑफ द रिपब्लिक ऑफ साखा के डिप्टी मिनिस्टर और मूल लोगों से जुड़े मुद्दों और क्षेत्रीय सहयोग पर आर्कटिक काउंसिल में रूस की चैयरमैनशिप के प्रतिनिधि मिखाइल पोगोदेव ने कहा कि क्रिएटिव इकोनॉमी आर्कटिक के मूल लोगों के समुदाय की आर्थिक प्रगति का बुनियाद बन सकता है.
रूस 2021-23 तक आर्कटिक काउंसिल का चेयरमैन बना रहेगा और उसके चेयरमैनशिप की मुख्य प्राथमिकताओं में आर्कटिक के टिकाऊ विकास के लिए जिम्मेदार गवर्नेंस उपलब्ध कराना है. मूल नागरिकों सहित आर्कटिक के लोगों के जीवन स्तर में सुधार, आधुनिक शहरी माहौल तैयार करना, क्वालिटी एजुकेशन का प्रावधान, हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार और आर्कटिक निवासियों की सांस्कृतिक और भाषाई परंपराओं के संरक्षण के साथ मानव पूंजी की क्वालिटी में सुधार प्राथमिकताओं में शामिल है.

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