एसपीआईईएफ में आर्कटिक क्षेत्र में पोत निर्माण और जहाजों की मरम्मत को लेकर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 25 जून, 2022: सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के तहत आर्कटिक क्षेत्र में पोत निर्माण और जहाजों की मरम्मत को लेकर हुए अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेने वालों ने ध्रुवीय क्षेत्रों में पोत के निर्माण और पहले से मौजूद बेड़े के आधुनिकीकरण पर चर्चा की. आर्कटिक काउंसिल की रूस की चेयरमैनशिप के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत इस सेमिनार का आयोजन किया गया. इसका संचालन रॉसकांग्रेस फाउंडेशन ने किया.
सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास के लिए रशियन फेडरेशन के पहले उप मंत्री गडजिमागोमेद गुसेनोव के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्दर्न सी रूट पर 2024 तक कम-से-कम 80 मिलियन टन और 2030 तक 150 मिलियन टन कार्गो की ढुलाई का लक्ष्य रखा है और यह पोत के निर्माण और रिपेयर के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि इस तरह के बड़े वॉल्यूम के लिए काफी अधिक निवेश और बेड़े के निर्माण की जरूरत होती है.
गुसेनोव ने कहा, “हम वर्तमान में जहाजों की मरम्मत की फैसिलिटीज में किल्लत का सामना कर रहे हैं और खासकर आर्कटिक और सुदूर इलाकों में ऐसा देखने को मिल रहा है. हमें यहां कई तरह के बुनियादी काम करने हैं.”
उन्होंने उल्लेख किया कि क्षेत्र में तरजीही व्यवस्थाएं थीं. उनका इशारा विशेष रूप से आर्कटिक क्षेत्र में रहने वाले कंपनियों के निवासियों के लिए सामान्य 30% के बजाय 7.5% पर उपलब्ध इंश्योरेंस प्रीमियम से जुड़े बेनिफिट्स की ओर था. एसटीजेड प्रक्रिया के तहत रखे गए सामानों पर 0% वैट प्रदान करने वाली एक मुक्त सीमा शुल्क क्षेत्र प्रक्रिया की संभावना के साथ-साथ आयकर प्राथमिकताएं भी मौजूद हैं. हालांकि, सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र के विकास के लिए रूस के पहले उप मंत्री ने कहा कि जहाजों की मरम्मत करने वाली कंपनियों के लिए अन्य प्रोत्साहन के साथ-साथ 0% वैट भी जरूरी है.
एक या कई अन्य कारणों से मालिक अपने जहाजों को दूसरे देशों में रिपेयर कराने को प्राथमिकता देते हैं. यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन के सीईओ और मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन एलेक्सी रखमानोव ने कहा कि एक कारण ये है कि जहाजों के मालिक दूसरे देशों से आते हैं. उन्होंने कहा, “हमें जहाज से जुड़े कामों को लेकर रूस को सुविधाजनक बनाने की जरूरत है. इसे घरेलू स्तर पर जहाजों के रिपेयर में मदद मिलेगी.”
रखमानोव ने कहा कि वैट को जीरो किए जाने से जहाज के मालिकों को नॉर्वे के बजाय रूस में जहाज को रिपेयर कराने से 20% का फायदा होगा.
आर्कान्जेस्क क्षेत्र के गवर्नर अलेक्जेंडर त्सिबुल्स्की ने कहा कि दूसरे देशों के करीब आधे बंदरगाह रूसी पोतों की मरम्मत का काम नहीं कर रहे हैं. दूसरी ओर, इंडोनेशिया और तुर्की ने संबंधित काम के खर्चे काफी अधिक बढ़ा दिए हैं. त्सिबुल्स्की ने कहा, “यहां ना सिर्फ कीमतें ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो गई हैं बल्कि हम इन कामों को ज्यादा किफायती दरों पर कर सकते हैं.”
इंटरनेशनल सेमिनार ऑन शिपबिल्डिंग एंड शिप रिपेयर में नोवाटेक मैनेजमेंट बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन और आर्कटिक इकोनॉमिक काउंसिल के चेयरमैन इवगेनी अम्ब्रोसोव, रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मंत्रालय के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री एंड मरीन एक्विपमेंट के डायरेक्टर बोरिस काबाकोव,मरमंस्क क्षेत्र के डिप्टी गवर्नर ओल्गा कुज्नेतसोवा, डिप्टी जनरल डायरेक्टर और नॉर्दर्न सी रूट डायरेक्टर ऑफ द स्टेट अटॉमिक एनर्जी कॉरपोरेशन Rosatom के डायरेक्टर Vyacheslav Ruksha तथा मैनेजमेंट बोर्ड ऑफ PAO Sovcomflot के जनरल डायरेक्टर और चेयरमैन इगर तोनकोविदोव ने भी हिस्सा लिया.
आर्कटिक क्षेत्र में सुरक्षित शिपिंग का विकास 2021-23 के दौरान आर्कटिक काउंसिल की रूस की चैयरमैनशिप की प्राथमिकताओं में शामिल है. रूस ध्रुवीय क्षेत्रों में शिपिंग मार्गों को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ पर्यावरण और आर्थिक रूप से कुशल बनाना महत्वपूर्ण मानता है.
रूसी पक्ष आर्कटिक में काम करने के लिए उच्च योग्य समुद्री कर्मियों को प्रशिक्षित करने और इस क्षेत्र में एकीकृत शैक्षिक मानकों को विकसित करने के साथ-साथ बचाव सेवाओं और इकाइयों की तैयारी सुनिश्चित करने और संचार और नेविगेशन सुविधाओं के विकास में सहयोग का समर्थन करता है.

error: Content is protected !!