केयर्न ऑयल एण्‍ड गैस ने 8 डीएसएफ ऑयल फील्‍ड्स के लिये सरकार के साथ कॉन्‍ट्रैक्‍ट्स साइन किये

नई दिल्‍ली, सितंबर 2022: वेदांता ग्रुप की इकाई और भारत में तेल और गैस की खोज और उत्‍पादन करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी केयर्न ऑयल एण्‍ड गैस ने आज डिस्‍कवर्ड स्‍मॉल फील्‍ड (डीएसएफ) बिड राउंड-3 के तहत 8 ऑयल/गैस फील्‍ड्स के लिये भारत सरकार के साथ एक अनुबंध पर हस्‍ताक्षर किये हैं। इन ब्‍लॉक्‍स की पुष्टि करने वाला अनुबंध उत्‍पादन गतिविधियों को और भी सक्षम बनाएगा। केयर्न ऑयल एण्‍ड गैस को मिले 8 ब्‍लॉक्‍स में से 5 ऑफशोर (कैम्‍बे ऑफ, कच्‍छ ऑफ, मुंबई ऑफ और केजी ऑफ) और 3 ऑनशोर (असम में 2 और मध्‍यप्रदेश में 1) हैं। इन फील्‍ड्स से अगले 10 से 20 सालों में 84 एमएमबीओई क्रूड ऑयल के उत्‍पादन की अपेक्षा की जा रही है। कंपनी ने एक कोल बेड मीथेन (सीबीएम) ब्‍लॉक से पारंपरिक और अपारंपरिक, दोनों हाइड्रोकार्बन रिर्सोर्सेस की खोज, विकास और मुद्रीकरण के लिये एक अनुबंध पर भी हस्‍ताक्षर किये हैं।
इस मौके पर केयर्न ऑयल एण्‍ड गैस के डेप्‍यूटी सीईओ प्रचुर साह ने कहा, “हम भारत सरकार के साथ 8 ऑयल/गैस फील्‍ड्स के लिये अनुबंध पर हस्‍ताक्षर करके प्रसन्‍न हैं। इससे हमें उत्‍पादन क्षमताओं को दोगुना करने और भारत के घरेलू क्रूड उत्‍पादन में 50% योगदान देने के लक्ष्‍य की दिशा में गति मिलेगी। यह भागीदारी अपनी क्षमता को 500 केबीओईपीडी तक बढ़ाने के लिये हमारी प्रति‍बद्धता की पुष्टि करती है, जिसके साथ ही हम भारत के राज्‍यों की आर्थिक समृद्धि में योगदान देना चाहते हैं। नये खोजे गये ऑयल/गैस फील्‍ड्स ऊर्जा आत्‍मनिर्भरता की दिशा में देश के सफर में सहायता करेंगे।”
सरकार ने इंटरनेशनल कॉम्‍पीटिटिव बिडिंग (आईसीबी) के माध्‍यम से डिस्‍कवर्ड फील्‍ड पॉलिसी के तहत 75 फील्‍ड्स की पेशकश के लिये मई 2022 में डीएसएफ की बोली का तीसरा राउंड आयोजित किया था। इन फील्‍ड्स की खोज देश की प्रमुख तेल एवं गैस कंपनियों ने की थी, जिन्‍हें 75 ऑयल एण्‍ड गैस फील्‍ड्स समेत 32 अनुबंध क्षेत्रों के विकास और मुद्रीकरण की बोली के लिये आमंत्रित किया गया था। इनमें से 11 अनुबंध क्षेत्र ऑनशोर में, 20 शैलो वाटर ऑफशोर में 1 एक डीप वाटर ऑफशोर में है। केयर्न ऑयल एण्‍ड गैस ने 31 ब्‍लॉक्‍स के लिये बोली लगाई थी और उसे 8 ब्‍लॉक्‍स मिले, जो अलग-अलग राज्‍यों में हैं।
इन नई साइनिंग्‍स के साथ, देश में केयर्न का मौजूदा विस्‍तार 58 से 67 ब्‍लॉक्‍स का हो गया है। बीते वर्षों में केयर्न ने भारत के घरेलू ऊर्जा बाजार को आकार देने में अभिन्‍न भूमिका निभाई है और भारत के कुल घरेलू क्रूड ऑयल उत्‍पादन में उसका योगदान लगभग 25% है। कंपनी का मंगला ऑयल फील्‍ड हाल ही में उत्‍पादन के 14वें वर्ष में पहुँचा है, जहाँ एक फुल-फील्‍ड एनहांस्‍ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) पॉलीमर प्रोजेक्‍ट है, जो दुनिया में अपनी तरह के सबसे बड़े प्रोजेक्‍ट्स में से एक है। इस फील्‍ड से मंगला पाइपलाइन भी शुरू होती है, जो लगातार गर्म और इंसुलेटेड रहने वाली विश्‍व की सबसे लंबी पाइपलाइन है और राजस्‍थान के फील्‍ड्स से क्रूड को गुजरात की रिफाइनरीज तक पहुँचाती है। केयर्न का रव्‍वा फील्‍ड भारत का पहला ऑफशोर एसेट है, जो रिजर्वोइर के बेहतरीन प्रबंधन और अत्‍याधुनिक टेक्‍नोलॉजीस को अपनाने का एक उदाहरण है, जिसने 50% से ज्‍यादा का रिकवरी फैक्‍टर हासिल किया है।

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