दिल्ली में फीकी नए साल की रौनक

कैसा नववर्ष और कैसा जश्न? पुराना साल जाते-जाते जेहन में ऐसा जख्म दे गया, जिसका कभी भर पाना मुश्किल है। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की 29 दिसंबर की सुबह आई मौत की खबर से दिल्ली सदमे में है। यहां नए साल का जश्न नहीं मना। कैलेंडर के 31 दिसंबर 2012 से 1 जनवरी 2013 में प्रवेश करने की घड़ी में रात 12 बजे भी कहीं कोई शोर नहीं है।

हर बार का त्योहारी जोश और हुल्लड़ नदारद है। कहीं आतिशबाजी नहीं है। कहीं चमकीली झालरें नहीं हैं। हाथों में रंगीन गुब्बारे थामे मोटरसाइकिलों पर सवार और कारों की खिड़कियों से लटके सबको नए साल की मुबारकबाद बांटने वाले नदारद हैं। सीटियों और पिपहरियों का कानफोड़ू शोर नहीं हैं।

लोगों का नए साल के बधाई संदेश वाले एसएमएस भेजने का भी जी नहीं कर रहा है। कोई किसी को एसएमएस नहीं भेज रहा है। 31 दिसंबर की शाम से ही जिन लोगों के कदम होटलों और रेस्टोरेंट की ओर मुड़ जाते थे, आज वे घर से नहीं निकले। जो निकले भी तो उनके कदम सीधे जंतर-मंतर पहुंच गए और मोमबत्ती जलाकर भारत की बेटी को श्रद्धांजलि दी और फिर ऐसे गमगीन हो गए कि कहीं जाने का मन नहीं किया। खामोश और बोझिल दिलों के साथ आधी रात को भी लोग जंतर-मंतर पर जुटे हैं। मोमबत्तियां रौशन हैं। पिघलती मोम के साथ बहुत कुछ सुलग रहा है।

ऐसे मौकों का गवाह बनने वाला इंडिया गेट प्रदर्शनों के कारण सील है। धारा 144 लगी है और पुलिस का सख्त पहरा है। धारा 144 न भी होती तो भी यहां शोक संतप्त लोगों का ही जमावड़ा होता। पिछले तीन दिन वहां लोग प्रदर्शन करने की कोशिश करते रहे हैं मगर आज जश्न मनाने के लिए वहां कोई झांकने तक नहीं गया। दिल्ली का दिल कनाट प्लेस बेनूर है। कनाट प्लेस की देर रात तक गुलजार रहने वाली सड़कें और बाजार आज सुनसान हैं।

दुकानदारों को भी गम का अहसास है कि इसलिए किसी से नहीं पूछ रहे कि लोग कहां हैं? प्रमुख बाजारों में पुलिस फोर्स वाहनों की जांच के लिए तो लगी है मगर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पिछले वर्षो की तरह आज सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस बल भी नहीं नजर आ रहा और न ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस नए साल के लिहाज से कोई दिशा-निर्देश जारी कर रही है। दिल्ली का शायद यह ऐसा पहला नया साल होगा जिसके लिए लोगों के मन में बिल्कुल भी उत्साह नहीं है। चाहे पेट्रोल पंप हो, सस्ते होटल हों या फिर पांचसितारा होटल। सदर बाजार, चांदनी चौक, सरोजनी नगर, लाजपत नगर जैसे बाजारों में वीरानी छाई है। जबकि मॉल में सामान्य दिनों की तरह ही लोग आए। रात 12 बजे भी खुली रहने वाली दुकानों के नौ बजे से ही शटर गिरने शुरू हो गए।

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र कुमार कहते हैं कि हम लोगों ने अलग से कोई तैयारी नहीं की है। हम भी पीड़िता की मौत के दुख में शामिल हैं। गाजियाबाद में भी खास आयोजन नहीं : गजियाबाद के मॉल्स में नववर्ष का स्वागत सादगी से ही किया जाएगा। शिप्रा मॉल, पेसेफिक, एमएमएक्स व ईडीएम मॉल स्थित रेस्तरां व होटल में होने वाले नववर्ष के आयोजन सोमवार सुबह रद कर दिए गए। अधिकतर पब, बार व डिस्को में कोई विशेष आयोजन नहीं होंगे।

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