अब एम्स भी मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए एक मानक को फॉलो करेगा और नैशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स से सर्टिफिकेट लेगा। एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास ने इस दिशा में पहल करते हुए एम्स को भी एक्रीडेशन लेने की बात कही और इसके लिए बकायदा प्लानिंग की गई है और टारगेट को पूरा करने के लिए तारीख तक तय कर दी है। यही नहीं इसके लिए एक कॉर्डिनेटर बनाया गया है और सभी फैकल्टी व स्टाफ को सहयोग करने को कहा है।
हॉस्पीटल के क्षेत्र में एनएबीएच का लाइसेंस मिलना इस बात का सबूत होता है कि अस्पताल के अंदर जो सुविधा दी जा रही है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर है वो एक मानक के अनुसार हैं। अब तक एम्स न तो इस दिशा में सोच रहा था और न ही इसकी जरूरत महसूस कर रहा था। जबकि दिल्ली में कई प्राइवेट अस्पताल हैं, जिनके पास एनएबीएच एक्रीडेशन का लाइसेंस है। नए डायरेक्टर ने इसकी जरूरत महसूस की और उन्होंने खुद पहल करते हुए यह आदेश जारी किया।
आदेश के अनुसार, सबसे पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर और बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग इसके लिए आवेदन करेगा। 31 अक्टूबर से इसकी शुरुआत होगी, पहले इंफ्रास्ट्रक्चर का असेसमेंट होगा। 31 मार्च तक से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एम्स सूत्रों का कहना है कि यह क्वॉलिटी को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम है। इससे जहां मरीजों को पहले से ज्यादा बेहतर सुविधा मिलेगी, वहीं प्रोसेस स्टैंडर्डाइज होगा। एक तय समय पर मरीजों को इलाज, उनकी रिपोर्ट, इलाज की सुविधाएं डिसप्ले की जाएंगी। सूत्रों का कहना है कि एनएबीएच एक इंडिपेंडेंट एजेंसी है, इसके मानक पर खरा उतरना और उसके अनुसार चीजों में बदलाव करना जरूरी होगा। एम्स ने खुद पहल की है और इसलिए एम्स प्रशासन इस लाइसेंस को पाने के लिए पूरी कोशिश करेगा।
एम्स के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास ने हॉस्पिटल विजिट के दौरान परिसर में खाली जगहों पर फैले मलबे को देखकर निराशा जताई और इसे साफ करने के लिए आदेश तक जारी कर दिया और इसके लिए समय भी तय कर दी। दिवाली से पहले एम्स पूरी तरह से मलबा मुक्त हो जाएगा। साथ ही एम्स की सड़क व अन्य जगहों पर हुई टूट-फूट को भी रिपेयर कर दिया जाएगा। नई ओपीडी बिल्डिंग के पास और जेरिएट्रिक डिपार्टमेंट के पास काफी मलबा पाया गया। अंडरग्राउंड पार्किंग और न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी के बीच दो पैच का रिपेयर करने को कहा है और कंक्रीट की सड़क बनाने की बात कही है। 11 अक्टूबर तक इस काम को खत्म करने का निर्देश दिया है और एम्स परिसर को 21 अक्टूबर तक मलबा मुक्त बनाने को आदेश जारी किया है। 22 अक्टूबर तक काम खत्म होने का रिपोर्ट देने को कहा है।
प्रदीप जैन
