चार्जशीट की धाराएं क्या दरिंदों को पहुंचाएंगी फांसी के तख्ते तक

दिल्ली गैंगरेप मामले में गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने अपनी 33 पेज की चार्जशीट हाईकोर्ट को दिखाने के बाद साकेत कोर्ट में पेश कर दी। इस मामले में अगली सुनवाई शनिवार 5 जनवरी को होगी। इसी दिन इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए भेज दिया जाएगा, जहां इसकी सुनवाई रोजाना की जाएगी। कड़ी मशक्कत के बाद बनाई गई इस चार्जशीट में पांच दरिंदों पर फांसी का फंदा कसने की कोशिश की गई है। माना यह जा रहा है कि पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट से बचकर निकलना इन पांचों आरोपियों के लिए आसान नहीं होगा। पुलिस ने जिन धाराओं को इसमें जोड़ा है उनमें से करीब ग्यारह धाराओं में रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस के तहत फांसी की सजा प्रावधान है। लिहाजा यह कहना गलत नहीं होगा कि अब आरोपियों की जिंदगी की उलटी गिनती शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट में छठे आरोपी का जिक्र मामले में संलिप्तता के आधार पर ही किया गया है।

छठे आरोपी को नाबालिग मानते हुए इस चार्जशीट से उसको अलग रखा गया है। हालांकि इस मामले में अभी उसकी बोन मैरो टेस्ट की रिपोर्ट आनी बाकी है। इससे यह तय हो जाएगा कि उसकी उम्र कितनी है। फिलहाल उसके स्कूल प्रमाण पत्र को देखते हुए उसको नाबालिग माना गया है। इस मामले में पुलिस ने 75-80 लोगों को अपना गवाह बनाया है। दिल्ली पुलिस ने जो धाराएं आरोपियों पर लगाई हैं उनमें हत्या [302], बलात्कार [307], सामूहिक दुष्कर्म 376, अगवा करना [365], डकैती [394, 395, 396], सबूत मिटाना [201], आपराधिक षड़यंत्र रचना [120 बी] और कॉमन इंटेनशन [34] भी जोड़ी गई हैं।

दिल्ली पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट सूर्या मलिक ग्रोवर के समक्ष शाम 5:40 बजे पेश की गई। इस चार्जशीट में राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर को आरोपी बनाया है। इसके अलावा छठे नाबालिग आरोपी का भी नाम इसमें शामिल किया गया है। इसकी सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड करेगा। सरकारी वकील राजीव मोहन के मुताबिक नाबालिग आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष जल्द ही पुलिस जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

पुलिस ने आरोप पत्र के साथ युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट भी अदालत के समक्ष पेश की है। आरोप पत्र दाखिल करने के दौरान आरोपियों को अदालत में पेश नहीं किया गया। गैंगरेप की भेंट चढ़ी युवती की पहचान को जाहिर न करने के लिए इस मामले की सुनवाई कैमरे के सामने की जाएगी। इस मामले में जिस चार्जशीट को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है वह असली हजार पन्नों की चार्जशीट का संक्षिप्त विवरण है। दिल्ली गैंगरेप के गुनहगारों पर दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 377 यानी सोडोमी का भी मामला दर्ज किया।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर को दिल्ली की एक चार्टड बस में एक मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया था। बाद में उसको और उसके पुरुष मित्र को मरणासन्न स्थिति में बस से बाहर फेंक दिया गया था। दोनों को बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में बेहद गंभीर हालत में युवती को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना के सामने आने के बाद से ही पूरे देश में आक्रोश है और सभी आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

आरोपियों पर पुलिस द्वारा लगाई धाराओं के मायने :-

धारा 302 :- इसके तहत आरोपियों पर लड़की का कत्ल का आरोप है, जिसमें फांसी की सजा हो सकती है।

धारा 307 :- इस धारा के तहत लड़की के दोस्त के कत्ल की कोशिश का आरोप है जिसमें फांसी की सजा संभव है।

धारा 365 :- इसके तहत अगवा करने का आरोप है और खास मामलों में इस धारा के तहत भी फांसी की सजा हो सकती है।

धारा 396 :- इसके तहत डकैती का आरोप है और ऐसे मामलों में अगर कत्ल हो जाए तो फांसी की सजा का प्रावधान है।

धारा 376 टू जी :- इस धारा के तहत गैंगरेप के आरोप हैं और उम्रकैद की सजा हो सकती है।

धारा 394 :- चोरी का आरोप

धारा 201 :- इस धारा के तहत सबूत मिटाने के दोषी होने का आरोप है।

धारा 377 :- इसके तहत अप्राकृतिक सेक्स का आरोप है और उम्र कैद की सजा हो सकती है।

धारा 120 बी :- इस धारा के तहत साजिश रचने का आरोप है और इसमें उम्रकैद की सजा हो सकती है।

धारा 34 :- इसमें साथ मिलकर गुनाह करने का अरोप है और 3 साल की सजा संभव है।

धारा 395 :- डकैती का आरोप, 10 साल कैद की सजा संभव।

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