ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की यादों में रहेगी ‘दामिनी’

वसंत विहार में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती बेशक अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन महावीर एंक्लेव गली नंबर 27 और उसके आसपास की गलियों में रहने वाले बच्चों की आंखों में आज भी उसकी यादें ताजा हैं। ट्यूशन देकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने वाली युवती को बच्चे व उनके परिजन दीदी कहकर संबोधित करते थे। पढ़ाई के लिए उन्हें हमेशा प्रेरित करना, गलती करने पर हल्की डांट वाली दीदी हर बात में इनकी जुबान पर है। मोहल्ले के अधिकतर बच्चे दीदी से ट्यूशन पढ़ चुके हैं। 11वीं कक्षा में पढ़ने वाला करण बताता है, आठवीं कक्षा तक मैंने उनके पास ट्यूशन पढ़ा। आज तक उनके द्वारा बताई गई बातें जेहन में हैं। हमेशा वह बहादुरी से हर परिस्थिति का सामना करने को कहती थीं।

वहीं दीपक बताता है, एक बार परीक्षा में कम नंबर आने पर परिजन उसे डांटने लगे तब दीदी ने घर आकर उनसे बातचीत की और समझाया कि इस बार अच्छे नंबर नहीं आए तो क्या हुआ, यह और मेहनत करेगा और अगली बार बेहतर करने का प्रयास करेगा। यह सुनकर परिजन भी संतुष्ट हुए थे। मोहल्ले की एक महिला बताती हैं, उनकी बेटी भी वहां पढ़ने जाती थी। बहुत सलीके से वह उसे पाठ याद कराती थी। बेहद होनहार थी। कंचन और राहुल के अनुसार, दीदी अक्सर कहा करती थीं, कुछ ऐसा करो जिससे घर और बाहर नाम हो, परिवार का सिर गर्व से ऊंचा उठ जाए। मां-बाप खुश रहेंगे तो भगवान भी खुश होगा।

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