डीएसपी म्यूचुअल फ़ंड ने 2024 में एक अर्थपूर्ण और सोचा-समझा पोर्टफ़ोलियो बनाने के लिए अपने दृष्टिकोणों का खुलासा किया

मुंबई, फरवरी, 2024: अपने वार्षिक नोट में, डीएसपी म्यूचुअल फ़ंड ने 2024 में एक अर्थपूर्ण और सोचा-समझा पोर्टफ़ोलियो बनाने के लिए अपने दृष्टिकोणों का खुलासा किया है। डीएसपी बाज़ार की कई अलग-अलग परिस्थितियों के दौरान संतुलन बनाए रखने के लिए मार्केट कैप सेगमेंट में आपके पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाने की वकालत करता है।
2023 में बाज़ारों ने जो रिटर्न दिया है उसका अनुमान, एक साल पहले, कोई भी नहीं लगा सकता था। वैश्विक अर्थव्यवस्था उम्मीद से ज़्यादा लचीली साबित हुई, मुद्रास्फीति अनुमान से ज़्यादा तेज़ी-से कम हुई और कंपनियों ने कच्चे माल की कम कीमतों के ज़्यादातर लाभ बरकरार रखे, जिसकी वजह से उन्हें उच्चतर मार्जिन प्राप्त हुए । सबसे बड़ी बात ये रही के, भारत के पक्ष में सकारात्मक भावना जारी रही, जिसकी वजह से रिलेटीव मल्टीपल्स में वृद्धि हुई।
2023 में, मिड और स्मॉल कैप ने महत्वपूर्ण रन-अप, अच्छी गुणवत्ता और कम गुणवत्ता – दोनों का अनुभव किया। डीएसपी की प्राथमिकता क्वालिटी मिडकैप की तरफ़ ज़्यादा है क्योंकि यह कम अस्थिरता और कम ड्रॉडाउन के साथ पैसे कमाने के लिए अधिक प्रभावी नज़रिया देता है। एलिवेटेड मल्टीपल के साथ वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, जो कि सबसे अच्छी ख़बरों में मूल्यवान मालूम होती है, गुणवत्ता वाली कंपनियों से के साथ बने रहना और हर एक क्षेत्र में बिज़नेस साइकल तथा वैल्यूएशन साइकल को समझना अधिकाधिक महत्वपूर्ण होता जाता है।
ऑपरेटिंग परफ़ॉर्मेंस में सुधार की ओर इशारा करने वाले हालिया आंकड़ों ने डीएसपी को PSU कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। हालाँकि, बुनियादी मापदंडों को पूरा करने वाली कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चयन मानदंड सख्त बने हुए हैं। इन PSU संस्थाओं को कुशल संचालन बनाए रखना चाहिए, क्योंकि बिज़नेस के बढ़ते अवसरों के कारण आउट-परफ़ॉर्मेंस के निरंतर रुझान की उम्मीद की जाती है। हालाँकि, उनके ऐतिहासिक ट्रैक रिकॉर्ड से निर्देशित, PSU कंपनियों के स्वामित्व के लिए हाई बेंचमार्क बनाए रखते हुए, डीएसपी एक सख़्त नज़रिया बनाए रखता है।
हालाँकि वैश्विक स्तर पर, बुजुर्गों की आबादी को लेकर एक चुनौती बनी हुई है लेकिन भारत उम्र के मामले में वैश्विक स्तर पर सबसे कम औसत जनसंख्या में से एक है और इसकी वजह से वह एक फ़ायदेमंद स्थिति में बना हुआ है। यह जनसांख्यिकीय का हमारी आबादी का एक प्रमुख हिस्सा होने के कारण, हम कामकाजी उम्र की आबादी और बढ़ती आय के स्तर में निरंतर वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।। इससे न सिर्फ़ स्थिरता सुनिश्चित होती है, बल्कि आने वाले बरसों में लगातार विकास की दृश्यता भी बढ़ती है।
डीएसपी के अनुसार, हालाँकि भारत एक असाधारण दीर्घकालिक निवेश अवसर देता है, लेकिन इसके बावजूद इंवेस्टर्स को वैश्विक विकास में गिरावट, बढ़ती वैश्विक ब्याज़ दरों, निकट-अवधि में डॉलर की शक्ति और बढ़ी हुई भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण बदलते परिदृश्य पर विचार करते हुए सतर्क रहना चाहिए। हालाँकि, भारत के अपने मुख्य रूप से घरेलू आधार पर संचालित विकास के साथ, इस बदलते माहौल में ग्लोबल मैक्रो जोख़िमों के लिए अपेक्षाकृत कम संवेदनशील होने की उम्मीद है, लेकिन समृद्ध मूल्यांकन के आधार पर मौजूदा वर्ष के लिए अपेक्षाओं को उचित रूप से निर्धारित करने की ज़रूरत है।
विनीत साम्ब्रे, प्रमुख – इक्विटीज़, डीएसपी म्यूचुअल फ़ंड कहते हैं, “डीएसपी म्यूचुअल फ़ंड में, हम मानते हैं कि ‘उचित मूल्य पर विकास’ की तुलना में ‘मूल्य’ बेहतर परिणाम देगा। ऐसे भी वर्ष होंगे जब कुछ क्षेत्रीय विषय महत्वपूर्ण अल्फ़ा देंगे। टूर डी फ़्रांस की एक टीम की तरह, अंतिम उद्देश्य हासिल करने के लिए हमारी भूमिका में अलग-अलग प्रतिभाएँ मौजूद हैं- इसका उद्देश्य है हमारे यूनिहोल्डर्स को लगातार, जोख़िम–समायोजित दीर्घकालिक रिटर्न देना। हमारा यह लक्ष्य अब भी कायम है कि हम अपने 35 लाख मौजूदा इंवेस्टर्स के लिए फ़ाइनैंशियल परिणामों में सुधार करें और साथ ही, उन नए इंवेस्टर्स का स्वागत करें जो अपने फ़ाइनैंशियल लक्ष्य हासिल करने के लिए हमारे आसान और अनुशासित नज़रिए से फ़ायदा ले सकते हैं।”

error: Content is protected !!