उत्तराखंड में शाम छह बजे के बाद महिलाओं के काम पर रोक

उत्तराखंड में असंगठित क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के प्रति सरकार की ममता उमड़ी है। बाजारों, दुकानों, होटल, रेस्तरां समेत व्यापारिक-व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारी शाम छह बजे के बाद काम करती दिखाई नहीं देंगी। इस आदेश पर सख्ती से अमल किया जाएगा। यही नहीं, दून में अब अलग-अलग दिन बाजारों की साप्ताहिक बंदी होगी।

दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद उत्तराखंड सरकार असंगठित क्षेत्रों और निजी प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चेती है। प्रदेशस्तरीय यौन उत्पीड़न समिति अध्यक्ष और प्रमुख सचिव गृह विनीता कुमार ने इस संबंध में श्रमायुक्त समेत प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के मुताबिक दुकानों, निजी व्यावसायिक-व्यापारिक प्रतिष्ठानों, होटल-रेस्तरां में कार्यरत महिलाओं से अब शाम छह बजे के बाद काम नहीं लिया जा सकेगा।

शाम छह बजे के बाद और आठ घंटे से ज्यादा काम लेने की स्थिति में निजी प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 के तहत निजी प्रतिष्ठानों में पंजीकृत कर्मचारियों में अब महिलाओं की संख्या का अलग से ब्योरा रखना अनिवार्य होगा। श्रम महकमे और जिला प्रशासन को इस पर सख्ती से अमल की हिदायत दी गई है।

अभी तक तमाम प्रतिष्ठान कर्मचारियों का ब्योरा तो रख रहे हैं, लेकिन उसमें महिला कर्मचारियों का अलग से उल्लेख नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर अब यह ब्योरा भी रखा जाएगा। आदेश के पालन में हीलाहवाली न हो, इसके लिए जिलों में भी उप श्रमायुक्त और सहायक श्रमायुक्तों को भी निर्देश दिए गए हैं। आदेश को सख्ती से लागू करने को श्रम महकमे को पुलिस का पूरा सहयोग मिलेगा।

यही नहीं, देहरादून शहर के बाजार अब हफ्ते में अलग-अलग दिन बंद रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी और अन्य शहरों की तर्ज पर दून का बंदोबस्त दुरुस्त करने को यह कदम उठाया गया है। रात्रि सात बजे के बाद दुकानें खुली नहीं रखने के आदेश पर सख्ती से अमल के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव गृह के मुताबिक इस व्यवस्था से आम जनता के साथ ट्रैफिक ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मचारियों को राहत रहेगी। शहरों की साफ-सफाई बेहतर ढंग से की जा सकेगी।

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