क्लेफ्ट प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय क्लेफ्ट संगोष्ठी का समापन

संगोष्ठी के दूसरे दिन डॉक्टरों ने क्लेफ्ट के बारे में महत्वपूर्ण मुद्दों पर की बातचीत

पटना, 06 जुलाई : इंडियन ऑर्थोडॉन्टिक सोसाइटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय क्लेफ्ट संगोष्ठी का दूसरा दिन शनिवार को पहले दिन की तरह ही जोश और उत्साह के साथ शुरू हुआ और भव्यता के साथ इसका समापन हो गया। संगोष्ठी के दूसरे दिन की शुरुआत प्रतिभागियों के लिए एक प्रश्नोत्तरी सत्र के साथ हुई, जिसके बाद डॉ. श्रीरेंगा लक्ष्मी का व्याख्यान हुआ, जिसमें कटे होंठ और तालु के रोगियों के लिए व्यापक देखभाल दृष्टिकोण पर चर्चा की गई, जो शल्य चिकित्सा या चिकित्सीय हस्तक्षेप के बिना वयस्कता तक पहुंच गए थे। इसके बाद डॉ. ओ.पी. खरबंदा का व्याख्यान हुआ, जिन्होंने प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को द्विपक्षीय कटे होंठ और तालु के रोगियों को संभालने में आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि महत्वपूर्ण विश्लेषण और विचारशील प्रबंधन से अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
डॉ. पुनीत बत्रा और डॉ. गजानन शानबाग द्वारा एक और शिक्षण सत्र में संबोधन हुआ, जिन्होंने कटे होंठ और तालु के प्रारंभिक प्रबंधन में महत्वपूर्ण चरणों के बारे में बताया और प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को नेसोलेवोलर मोल्डिंग उपकरण के निर्माण पर प्रशिक्षित किया। इसके बाद डॉ. शेरी पीटर का व्याख्यान हुआ, जिन्होंने प्रतिनिधियों को कटे होंठ और तालु के उपचार के शल्य चिकित्सा पहलू पर प्रकाश डाला। सत्र का अंतिम व्याख्यान डॉ. प्रियंकर सिंह का था, जिन्होंने वेलोफेरीन्जियल अपर्याप्तता वाले बच्चों के उपचार में वर्तमान रुझानों पर चर्चा की और सर्जिकल परिणामों की हालिया रिपोर्ट की समीक्षा की। इसके साथ ही दो दिवसीय समृद्ध और चिकित्सकीय रूप से कुशल राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन क्लेफ्ट से प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने की आशा के साथ हुआ।

संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. अमेश गोलवारा बताते हैं कि दो दिवसीय कार्यशाला सभी चिकित्सकों और प्रतिभागियों के लिए उनके नैदानिक ​​फांक रोगियों के लिए उपयोगी है। डॉ. नील भरत केडिया और राजीव लाल ने प्रतिभागियों और विजेता प्रतिनिधियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित किये। डॉ राशि, डॉ अंजलि, डॉ ऋचा श्री और डॉ पल्लवी ने वैज्ञानिक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया। डॉ. सुधीर और डॉ. अमित ने पूरे भारत से आने वाले प्रतिभागियों और वक्ताओं को धन्यवाद दिया।

error: Content is protected !!