एलटीजी के ब्लैंक केनवास सभागार में दो नाटकों के फेस्टिवल का हुआ मंचन

नई दिल्ली । अर्धकाव्य कहानी है, एक ऐसे परिवार की जहां सब अपनी अपनी भावनाओं से जद्दोजहद कर रहे हैं। एक माँ जो ना जाने कितने राज़ अपने सीने में दफन किए है, एक लाचार बाप जो सब जानने के बाद भी बेबस है, एक ऐसा बेटा जो ख़ुद को ही खोज रहा है और उसकी पत्नी जो उलझनों का समाधान ढूँढने की कोशिश करती है। ये कहानी रिश्तों का चक्रव्यूह है जिसमें जाना तो बहुत आसान है लेकिन निकलना उतना ही मुश्किल होता है।

नाटक के लेखक विक्रम शर्मा है और इसका निर्देशन काजल सूरी ने किया है, जिन्होंने इस नाटक में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है और उनका साथ धरम गुप्ता, शुभम् शर्मा और नेहा खन्ना ने दिया है। 2018 में वर्ष भर में दिल्ली में हुए नाटकों में दिल्ली सरकार द्वारा 10 सर्वश्रेष्ठ नाटकों में इस नाटक का चयन हुआ था और फिर इसे साहित्य कला परिषद द्वारा भारतेंदु नाट्य उत्सव 2019 में भी करवाया गया था।

अभिनेत्री की कहानी आज के परिपेक्ष में सटीक उतरती है। एक चेहरे के पीछे ना जाने कितने चेहरे छुपाये लोग रहते हैं।
जो अपनी भावनाओं को दबा कर, मुखौटे लगा कर, अपनी ही परछाईं बन कर ज़िंदगी गुज़र देते हैं, इस बात को ये नाटक बखूबी दर्शाता है। नाटक में पात्रों को जीवंत रूप तनीषा गांधी और वर्षा ने दिया है और दोनों ने अपनी बखूबी भूमिका निभाई है।

इस अवसर पर नाटककार राजेश कुमार, मीडिया कर्मी विनीता कांभरी, जानी मानी प्रसारणकर्मी विनीता ठाकुर और कवियत्री नीलम वर्मा आदि उपस्थित थे। मंच संचालन जानी मानी पोडकास्टर सुख्नन्दन बिंद्रा ने और मेकअप राशिद ख़ान ने किया। दोनों नाटकों के प्रकाश और संगीत का संचालन नीरज तिवारी और स्पर्श रॉय द्वारा किया गया।

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