वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने प्रख्यात प्रिंटमेकर देवराज डाकोजी को ‘क्रिटिक्स च्वाईस अवार्ड’ से सम्मानित किया

नई दिल्ली, फरवरी, 2025- वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने प्रख्यात प्रिंटमेकर देवराज डाकोजी को प्रिंटमेकिंग की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘डब्लूयूडी क्रिटिक्स च्वाईस अवार्ड’ से सम्मानित किया है। वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के कुलपति प्रोफेसर (डाक्टर) संजय गुप्ता द्वारा दिया गया यह सम्मान डाकोजी की असाधारण प्रतिभा और प्रिंटमेकिंग के क्षेत्र को लेकर उनके समर्पण को पहचान दिलाता है और साथ ही समकालीन कला में एक प्रमुख हस्ती के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाता है। सम्मान समारोह में एक्जिबिट320 की निदेशक सुश्री रसिका कजारिया भी उपस्थित थीं।

हैदराबाद में जन्मे डाकोजी का अपने पिता के लिए जड़ी बूटियों को चुनने के उनके शुरुआती अनुभव ने उन्हें कला के प्रति प्रेरित किया जिससे प्रकृति उनका मुख्य विषय बन गई। छपाई के कार्यों में उन्हें भारतीय संस्कृति से प्रेरणा मिली जिससे प्रकृति और पशु उनके मूल स्वभाव में समाहित हो गए। उनके उल्लेखनीय कार्यों में पाषाण सीरीज शामिल है जो उनके गृहनगर से प्रेरित है और सैन डियागो में 1985 में एक मोर के साथ उनके अनुभव से प्रभावित एक सीरीज है।

दृश्य कलाओं के लिए डब्लूयूडी क्रिटिक्स च्वाईस अवार्ड्स की शुरुआत वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन द्वारा देश में विभिन्न शैलियों में दृश्य कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें सशक्त करने के लिए की गई। ये अवार्ड्स स्थापित कलाओं में असाधारण कलात्मक योगदान को सम्मान देता है और उभरते कलाकारों को दिल्ली एनसीआर में प्रमुख कला वीथिकाओं में अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करने के लिए उन्हें पहचान दिलाता है। यह अवार्ड एक विशेष रूप से डिजाइन ट्रॉफी और एक प्रमाण पत्र के साथ दिया जाता है। यह देशभर में समृद्ध दृश्य कला संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए कलाकार को सम्मानित करता है।

वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के कुलपति डाक्टर संजय गुप्ता ने कहा, “कला के जरिए जीवन को सबसे अच्छे ढंग से अभिव्यक्त किया जा सकता है और डब्लूयूडी में हम इस क्षेत्र के प्रचारक हैं। डब्लूयूडी क्रिटिक्स च्वाईस अवार्ड्स के साथ हम देवराज डाकोजी के लिए गहरा सम्मान प्रकट करते हैं जिनके लिथोग्राफ और नक्काशी ने पिछले कई दशकों से भारतीय संस्कृति को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया है। अपने जीवंत कार्यों के जरिए उन्होंने प्रिंटमेकिंग, पेंटिंग और मिक्स्ड मीडिया के बीच सीमाओं का विस्तार किया है। सतह और बनावट को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी है और उनकी ड्राइंग दृष्टिगत है। कार्य और मार्गदर्शन दोनों के जरिए समकालीन भारतीय प्रिंटमेकिंग पर उनके प्रभाव ने कलाकारों की कई पीढ़ियों को आकार देने में मदद की है।”

वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन को कला, प्रदर्शन कला, डिजाइन और रचनात्मक क्षेत्रों में उसके योगदान के लिए जाना जाता है और इसने डिजाइन परिदृश्य में अपनी नेतृत्व क्षमता को लेकर अलग पहचान बनाई है। डब्लूयूडी द्वारा दृश्य कला के लिए शुरू किया गया क्रिटिक्स च्वाईस अवार्ड्स उभरते हुए रचनाकारों को प्रेरित करते हुए मौजूदा कलाकारों को प्रोत्साहित करता है। प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अलावा, ये अवार्ड्स कलाकारों को दिल्ली एनसीआर में प्रमुख वीथिकाओं में अपनी रचनाओं को प्रदर्शित करने का एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है जिससे वैश्विक दृश्य कला समुदाय के भीतर उनका संपर्क बढ़े और वे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में योगदान कर सकें। ये पहल कलाकारों को गठबंधन करने, प्रदर्शनी लगाने और करियर में आगे बढ़ने के लिए अनुभव, प्रसिद्धि और अवसरों से सशक्त करती हैं।

इस युनिवर्सिटी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि युवा प्रतिभाओं को इस देश में पहचान मिले और उनका पोषण हो। यह युनिवर्सिटी उदीयमान कलाकारों को आगे बढ़ाने और उन्हें सही दिशा प्रदान करने में विश्वास करती है। ये अवार्ड्स उन कई तरीकों में से एक है जिसके जरिए डब्लूयूडी उन असाधारण कृतियों को प्रोत्साहित कर रही है जो कला के बड़े उद्देश्य की पूर्ति करते हैं।

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