बैंगलोर, अप्रैल 2025: भारत के कुशल कार्यबल के भविष्य को आकार देने के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर(टीकेएम) ने आज अपने बहुप्रतीक्षित कौशल उत्सव 2025 का आयोजन किया। बिदादी इकाई में आयोजित इस उत्सव में व्यावसायिक उत्कृष्टता, नवाचार औरयुवा सशक्तिकरण की भावना का सम्मान किया गया। यह कार्यक्रम भारत के भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा पूल को पोषित करने के उद्देश्य से महीनों तक चले गहनकौशल विकास कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का समापन था।
समारोह में कर्नाटक सरकार के औद्योगिक प्रशिक्षण एवं रोजगार विभाग (डीआईटीई) की आयुक्त डॉ. रागप्रिया आर (आईएएस) और टीकेएम के वरिष्ठ नेतृत्व कीउपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत टीकेएम की कौशल विकास यात्रा के प्रदर्शन से हुई। इसमें प्रमुख उपलब्धियों या मील के पत्थर और भविष्य के लिए प्रतिभाको आकार देने के लिए नए जमाने की तकनीक को अपनाने पर प्रकाश डाला गया। एक समर्पित कौशल प्रदर्शनी और वीडियो वॉक-थ्रू ने टीकेएम की प्रशिक्षणपारिस्थितिकी तंत्र के तहत पोषित प्रतिभा की गहराई और विविधता की झलकियाँ पेश कीं।
कर्नाटक भर के साझेदार आईटीआई के छात्रों ने भी मेक्ट्रोनिक्स, ऑटो बॉडी रिपेयर और प्रोटोटाइप मॉडलिंग जैसे विषयों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इसकेजरिये जमीनी स्तर से प्रतिभा को पोषित करने में टीकेएम के गहन निवेश पर जोर दिया गया।
टोयोटा इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा आयोजित टोयोटा आंतरिक कौशल प्रतियोगिताओं के केंद्र में एक मजबूत प्लैटफॉर्म है जिसकी पेशकश एसोसिएट्स कोकी गई ताकि वे विनिर्माण के प्रमुख क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। इनमें असेंबली, वेल्डिंग, प्रेस, पेंट, रखरखाव, लॉजिस्टिक्स और गुणवत्ता सहित कई महत्वपूर्णविनिर्माण क्षेत्र शामिल हैं। 5,800 प्रतिभागियों में से, प्रत्येक विभाग के शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं ने टोयोटा की इन-हाउस स्किलिंग अकादमी गुरुकुल में चारसप्ताह का गहन प्रशिक्षण लिया। भव्य समारोह के दौरान कुल 51 फाइनलिस्ट को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
अगले तीन महीनों के दौरान उन्नत प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद, 17 असाधारण प्रदर्शनकर्ताओं का चयन किया जाएगा जो अगस्त 2025 में वैश्विक कौशलप्रतियोगिता में टीकेएम का प्रतिनिधित्व करेंगे – जिससे भारतीय विनिर्माण प्रतिभाएं वैश्विक सुर्खियों में आ जाएंगी।
टोयोटा के सतत कौशल प्रयासों पर बोलते हुए, कर्नाटक सरकार के औद्योगिक प्रशिक्षण एवं रोजगार विभाग (डीआईटीई) की आयुक्त डॉ. रागप्रिया आर(आईएएस) ने कहा, “युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कौशल से सशक्त बनाना कर्नाटक के विकास और भारत के विकास की आधारशिला है। टीकेएम द्वाराआयोजित कौशल महोत्सव इस बात का एक सशक्त प्रदर्शन है कि उद्योग हमारे कार्यबल के भविष्य को आकार देने में किस तरह एक परिवर्तनकारी भूमिका निभासकता है। युवाओं को व्यावहारिक कौशल और वैश्विक अनुभव से लैस करके, टीकेएम न केवल सरकार के कुशल भारत के दृष्टिकोण का समर्थन कर रहा है, बल्किपूरे कर्नाटक में समुदायों को सशक्त भी बना रहा है। मुझे खुशी है कि कौशल महोत्सव के माध्यम से संकाय और आईटीआई का विकास किया जा रहा है। मैंसमावेशी, जमीनी स्तर पर संचालित विकास के लिए टोयोटा की प्रतिबद्धता और राज्य के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उनकी निरंतर भागीदारी कीसराहना करती हूँ।”
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में वित्त एवं प्रशासन के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट श्री जी शंकर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “टोयोटा में, उच्चतमगुणवत्ता वाली कारों के निर्माण के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता हमारे लोगों के जुनून और शिल्प कौशल में गहराई से निहित है – जिसे हम कोटोजुकुरी कहते हैं। यहमानते हुए कि विनिर्माण में उत्कृष्टता लोगों में उत्कृष्टता से शुरू होती है, हम कौशल और लोगों के विकास को अपने मिशन के मूल में रखते हैं। ग्रामीण युवाओं कोपोषित करने और उन्हें विश्व स्तरीय तकनीकी दक्षताओं से लैस करने के केंद्रित प्रयासों के माध्यम से, हम देश के सामाजिक–आर्थिक विकास में सार्थक योगदान करतेहुए भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों का निर्माण कर रहे हैं। कौशल महोत्सव जैसी पहल, आईटीआई को हमारा समर्थन और उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम एकआत्मनिर्भर, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के हमारे व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं – साथ ही वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की यात्रा में भीयोगदान करते हैं।”
विश्व कौशल प्रतियोगिता में भारत का मार्ग प्रशस्त करना
एक प्रमुख आकर्षण था भारत के बढ़ते कद में टीकेएम के प्रतिष्ठित विश्व कौशल प्रतियोगिता का निरंतर योगदान – 1950 से द्विवार्षिक रूप से आयोजित “कौशलओलंपिक” का अगला आयोजन 18 सितंबर, 2025 को शंघाई, चीन में होने वाला है। इसमें 65 देशों के 1,400 से अधिक प्रतियोगी भाग लेंगे, जो छह प्रमुखक्षेत्रों में 59 आधिकारिक और 5 शोकेस कौशलों को कवर करेंगे।
पिछले कई वर्षों से टीकेएम द्वारा प्रशिक्षित भारत के वर्ल्डस्किल्स उम्मीदवारों ने लगातार राष्ट्र को गौरवान्वित किया है , उन्होंने मेक्ट्रोनिक्स और प्रोटोटाइप मॉडलिंगमें तीन कांस्य पदक हासिल किए हैं और 2015 से 2022 तक लगातार मेक्ट्रोनिक्स और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में उत्कृष्टता के लिए पदक जीता है।
कर्नाटक के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने अपने कौशल मिशन को अपनी विनिर्माण सुविधाओं की सीमाओं से परे महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित किया है। इसकी कर्नाटककी तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण परिदृश्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत सरकार के कौशल भारत मिशन और मेक इन इंडिया विज़नके अनुरूप, टीकेएम ने युवाओं को सशक्त बनाने, संस्थागत क्षमताओं को बढ़ाने और भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक व्यापक औरसमावेशी कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है।
सरकार और शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करते हुए, टीकेएम ने राज्य भर में 80 तकनीकी संस्थानों के विकास का समर्थन किया है, जिसमें 60 आईटीआईऔर 20 जीटीटीसी शामिल हैं, वित्त वर्ष 2024-25 में हाल के प्रयासों से 17 नए सरकारी संस्थान सक्षम हुए हैं। इसकी व्यापक पहलों में प्रिंसिपलों औरप्रशिक्षकों के लिए संकाय विकास कार्यक्रम, टोयोटा यूथ कनेक्ट कार्यक्रम शामिल है – जिसमें उद्योग के संपर्क और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 31 जिलों में7,700 से अधिक छात्रों को शामिल किया गया – और डेवलपिंग सेफ्टी माइंडसेट अभियान, जिसने 25 भागीदार आईटीआई में सुरक्षा की संस्कृति को मजबूतकिया।
इन प्रयासों को टोयोटा तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (टीटीटीआई) द्वारा बल दिया जाता है, जो अब 100% प्लेसमेंट रिकॉर्ड के साथ 1,000 से अधिक छात्रों कोतकनीकी शिक्षा प्रदान करता है – जिसमें 600 से अधिक लड़कियाँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, टोयोटा कौशल्या ‘सीखें और कमाएँ’ कार्यक्रम, विशेष जीटीटीसीप्रशिक्षण, टोयोटा गुरुकुल और 26 उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना जैसी पहल कर्नाटक में एक कुशल, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए टीकेएम कीगहरी प्रतिबद्धता को और अधिक प्रदर्शित करती हैं।
कौशल महोत्सव 2025 ने भारत के कौशल परिदृश्य में टीकेएम की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की – यह प्रदर्शित करते हुए कि कैसे स्थानीयकृत क्षमता विकास, वैश्विक बेंचमार्किंग, और सरकार और शिक्षा जगत के साथ गहन साझेदारियां मिलकर भारतीय उद्योग जगत की अगली पीढ़ी के अग्रणी को आकार दे सकती हैं।