आईईएसए और सेमि इंडिया के प्रेसिडेंट अशोक चांडक के अनुसार एचसीएल-फॉक्सकॉन ओएसएटी संयुक्त उद्यम को कैबिनेट की मंजूरी मिलना भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में रणनीतिक रूप से एक मील का पत्थर है। 3,700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह प्रोजेक्ट बड़े पैमाने पर उन्नत पैकेजिंग और परीक्षण क्षमताओं को लेकर आएगा जो खास तौर पर डिस्प्ले ड्राइवर आईसी के लिए होंगे। इससे भारत की डिस्प्ले और इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में मौजूद अंतर को दूर करने में मदद मिलेगी। यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के बारे में नहीं है बल्कि यह विश्वसनीय भागीदारों, रणनीतिक इरादे और औद्योगिक पैमाने के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बढ़ती परिपक्वता को दर्शाता है। दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं में से एक फॉक्सकॉन चिप पैकेजिंग और परीक्षण में विश्व स्तरीय विशेषज्ञता लाता है – जो डाउनस्ट्रीम सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन का मुख्य हिस्सा है। एचसीएल ग्रुप, अपनी मजबूत प्रौद्योगिकी सेवाओं, इंजीनियरिंग क्षमता और वैश्विक संबंधों के साथ, स्थानीय निष्पादन सामर्थ्य और प्रतिभा तक पहुंच मुहैया कराता है।
यह संयुक्त उपक्रम भारत को सेमीकंडक्टर ओएसएटी परिचालन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में नींव का काम करेगा। यह कदम ’मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विज़न के मुताबिक है। केन्द्र सरकार और राज्यों के सहयोग से यह परियोजना लैंडमार्क बन सकती है क्योंकि यह मोबाइल, लैपटॉप, कंज़्यूमर गुड्स, ऑटोमोटिव आदि के लिए भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में बहुत बड़ा वैल्यू ऐडिशन कर सकती है।