नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में प्रणव मुखर्जी ने भले जोरदार जीत हासिल की हो, लेकिन चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद संगमा के प्रतिनिधि सतपाल जैन ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उन्होंने जो कानूनी मुद्दे उठाए थे, वे अभी भी कायम हैं। ऐसे में वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला संगमा के लिए बनी चुनाव अभियान समिति को करना है।
उन्होंने बताया कि नियमानुसार परिणाम आने के 30 दिन के भीतर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है। अगले दो से तीन दिन में समिति की बैठक होगी और उसमें इस पर फैसला किया जाएगा। इससे पहले पी.ए.संगमा ने भी एकतरफ प्रणव मुखर्जी को बधाई दी तो दूसरी तरफ अपनी हार में मनी पावर के बड़ी भूमिका अदा करने का आरोप लगाया।
संगमा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया दलगत और सियासी थी। इसमें पैकेजों, लालच और धमकियों का इस्तेमाल किया गया। संगमा ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव में आचार संहिता बनाने की जरूरत का मुद्दा भी उठाया।
इस सवाल पर कि क्या वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, संगमा ने कहा नतीजों से पता चलता है कि कई जगहों पर क्रॉस वोटिंग हुई। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू न होने की वजह से सबने देखा कि चुनाव के दौरान किस तरह केंद्र सरकार ने वोट के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार को आर्थिक पैकेज दिए गए। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धमकियां भी दी गईं।