प्रतापगढ। सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पूरे खुशई सिटकहा गांव में पंचायत भवन, के सामने आंगनबाड़ी, कन्या विद्यालय, युवक मंगल दल आदि के सामने की लाखों की जमीन पर सरकारी सफाईकर्मी रवींद्र कुमार शर्मा द्वारा रविवार को एक बार पुनः स्थानीय पुलिस चौकी से साध गांठ कर जबरिया निर्माण कार्य चालू कर दिया गया। जिसके विरोध में पूरा गांव एक साथ एकजुट होकर लामबंद हो गया। मौजूदा ग्राम प्रधान माया देवी, पूर्व ग्राम प्रधान मोहित सिंह, गांव के फूलचंद्र सिंह एडवोकेट, धर्मेंद्र सिंह एडवोकेट, विनोद सिंह प्रधान प्रतिनिधि एवं अन्य संभ्रांत ग्रामीणों के द्वारा अवैध चल रहे निर्माण कार्य को रोकने के लिए डीएम, एसडीएम सदर एवं तहसीलदार सदर से सामूहिक शिकायत की गई और प्रकरण गंभीर एवं संवेदनशील होने की बात अधिकारियों को बताई गई। जिसके क्रम में तहसीलदार द्वारा स्थानीय चौकी प्रभारी मोहनगंज रोहित सिंह को तत्काल मौके पर जाकर निर्माण कार्य बंद कराने को कहा। पर इधर चौकी प्रभारी द्वारा घंटे भर बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे। काम बंद होने पर विलंब होते देख ग्रामीणों ने एक बार पुनः डीएम, एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर से बात करने के साथ ही कमिश्नर प्रयागराज, भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव, सांसद अमरपाल मौर्य, क्षेत्रीय विधायक जीतलाल पटेल से बात करने के बाद उक्त अधिकारियों एवं माननीयों के हस्तक्षेप के बाद एसडीएम सदर ने तहसीलदार सदर को मौके पर भेज कर तुरंत निर्माण कार्य को बंद कराए जाने का आदेश दिया। जिसके अनुपालन में पहुंचे तहसीलदार सदर ने तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य को बन्द करा दिया। इसके पूर्व शुरू हुए निर्माण कार्य को रोके जाने के क्रम में शुक्रवार को दो दर्जन से अधिक महिलाओं एवं पुरुषों ने डीएम, एसडीएम सदर से मिलकर उक्त जनहित की समस्या से रूबरू कराया था जिसके क्रम में एसडीएम के आदेश पर कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक ने चौकी प्रभारी को मौके पर भेजकर अवैध निर्माण कार्य को बंद करा दिया था। बताते चले कि उक्त प्रकरण अभी न्यायालय में विचाराधीन है। और इसके कब्जे को लेकर स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। जानकारी के अनुसार सरकारी सफाईकर्मी रवींद्र कुमार शर्मा ने आबादी के बीच में तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा एक विश्वा के दिए गए पट्टे को जालसाजी कराते हुए विभागीय लोगों से साध गांठ कर उसे एक बीघा करा लिया था। आबादी के बीच इस एक बीघे की बंजर जमीन में दो सौ वर्षों से अधिक समय से पिछड़ी और दलित जाति का कब्जा बना हुआ है जिसपर आवास बनाकर अपने परिवार के साथ गुजर बसर करते चले आ रहे है। पंचायत भवन, एएनएम सेंटर, हेल्थवेलन्स सेंटर के बीच मात्र आंगनबाड़ी, युवक मंगल दल और कन्या विद्यालय के नाम सुरक्षित जो कि खतौनी में नंबरान दर्ज है उसी खाली जमीन पर नायब तहसीलदार गड़वारा, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल के साथ स्थानीय पुलिस ने बगैर नापजोख सीमांकन किए भू माफिया सफाईकर्मी को कब्जा दिला दिया गया। कब्जा पाने के बाद रवींद्र शर्मा ने युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चालू कर दिया था। जिसपर ग्रामीणों के प्रयास से एवं उच्च अधिकारियों के आदेश पर अवैध निर्माण कार्य बंद हुआ था।
