बर्फबारी ने फिर सर्द किया मौसम

देश की राजधानी समेत एनसीआर के कई इलाके शनिवार को घने कोहरे की चपेट में घिरे रहे। दिल्ली से सटे हिंडन के इलाके में सुबह करीब छह बजे महज सात मीटर तक ही दिखाई दे रहा था। यहां से गुजर रहे वाहन रेंग रेंग कर चल रहे थे। वहीं मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी कर कहा है कि आने वाले दो दिनों में दिल्ली में घना कोहरा छा सकता है और तापमान चार डिग्री तक आ सकता है। विभाग ने मौसम के इस यूटर्न से अस्थमा और ब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधान रहने की चेतावनी भी दी है। 22 जनवरी तक तापमान में गिरावट जारी रहेगी।

मौसम विभाग ने कहा है कि अगले दो दिनों में मौसम का यू-टर्न लोगों को परेशानी में डाल सकता है। गुरुवार और शुक्रवार को हुई तेज बारिश की बदौलत दिल्ली में मौसम में कुछ गिरावट दिखाई दी थी। जम्मू-कश्मीर समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में हुई ताजा बर्फबारी से भी मौसम में गिरावट आई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बदलता मौसम ब्लड प्रेशर, अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

उत्तर भारत में गत एक सप्ताह के दौरान अचानक विदा हुई ठंड बारिश और बर्फबारी के साथ फिर लौट आई है। हरियाणा, पंजाब और पश्चिम राजस्थान में ठंडक बढ़ी है। हवा में ऊपरी चक्रवाती क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा राजस्थान के निकटवर्ती इलाकों में बना हुआ है। इस कारण अगले कुछ दिनों के भीतर देश के कई इलाकों को बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई सूबों में कोहरा भी वापस लौटेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जहां 24 घंटे के दौरान और बर्फबारी होगी, वहीं उत्तर प्रदेश व उत्तर बिहार के कई इलाकों में ओलावृष्टि हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में बर्फीले तूफान आने की भी चेतावनी दी गई है। हिमालय के पश्चिमी इलाके में बन रहे विक्षोभ के कारण विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी बारिश संभव है। मौसम विज्ञानियों ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में भारी बर्फबारी की चेतावनी भी दी है। इस बार उत्तर भारत में शीतलहर के कारण 240 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। तापमान में तेजी से आया उतार-चढ़ाव को सेहत के लिए नुकसानदेह है।

जम्मू-कश्मीर में लगातार दूसरे दिन भारी बर्फबारी और बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह पटरी से उतारकर रख दिया। मौसम की बेरुखी सड़क, रेल और हवाई सेवा पर भारी पड़ी। शुक्रवार को भी वादी का संपर्क देश-दुनिया से कटा रहा। जम्मू-श्रीनगर के बीच कोई उड़ान नहीं भरी गई। हाईवे भी दूसरे दिन बंद रहा। इससे राजमार्ग पर जगह-जगह वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। ट्रेनों का भी घंटों देरी से आने का सिलसिला जारी रहा। उधर, माता वैष्णो देवी के भवन पर भी खूब बर्फबारी हुई, लेकिन इसका यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ा। कारवां-ए-अमन बस के जिस काफिले को भारत-पाकिस्तान के बीच हुई गोलाबारी नहीं रोक सकी थी, उसको अब बर्फ के सफेद गोलों ने रोक दिया है।

हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात से पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। किन्नौर जिले के रोलंग गांव में ग्लेशियर खिसकने से दो बच्चे दब गए। गांव के पांच मकान भी बर्फ में दब गए। भारत-तिब्बत मार्ग भी बाधित हो गया है। दूसरे राज्यों से आए पर्यटकों ने लगातार दूसरे दिन भी बर्फबारी का आनंद उठाया। उत्तराखंड में भी पिछले 36 घंटों से वर्षा और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। चारधामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत सूबेभर में चोटियों पर बर्फ की चादर और मोटी हो गई। पहाड़ों की रानी मसूरी के अलावा चकराता में भी बर्फबारी हुई। राज्य के शेष हिस्सों में दूसरे दिन भी जमकर बारिश हुई। इस सबके चलते सूबा कड़ाके की ठंड की गिरफ्त में है।

दिल्ली में गुरुवार-शुक्रवार रात ओले के साथ हुई तेज बारिश से 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। दोपहर में काले घने बादल ऐसे छाए कि लगा शाम हो गई। सड़क पर गाड़ियों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। सर्द हवाओं ने ठंड में इजाफा कर दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज आंधी के कहर साथ तेज बरसात और ओले पड़ने से भारी नुकसान हुआ है। मां-बेटी समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि बिजली गिरने से सात लोग झुलस गए। कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि से गेहूं-सरसों समेत कई फसल तबाह हो गई हैं। हापुड़ के परतापुर में दस किलोग्राम से अधिक वजन का ओला गिरा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसम अपेक्षाकृत शांत है। पंजाब के कई जिलों में भी ओलों के साथ तेज बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम के इस बदलाव से सीमावर्ती जिले फिरोजपुर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। धुंध बढ़ने के साथ ही सरहद पर तस्करों के सक्रिय होने की आशंका बढ़ जाती है। हरियाणा में भी यही स्थिति रही। कई जिलों में बारिश के कारण खुले में रखा अनाज भीग गया।

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