प्याज ने रुलाया, शीला ने लिखा केंद्र को पत्र

प्याज एक बार फिर से दिल्ली की सियासत पर हावी होती दिखाई दे रही है। इससे पहले 1998 में प्याज की बदौलत दिल्ली की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी बेदखल हो गई थी, तभी से वह दिल्ली की सत्ता में आने को तरस रही है। लिहाजा अब कांग्रेस को प्याज के बढ़ते दामों से अपनी सरकार पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। नजदीक आते दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस को न रुला सकें इसके लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को पत्र लिखकर प्याज के निर्यात में कटौती करने की मांग की है।

इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्याज की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए जरूरी है कि इसके निर्यात में कमी की जाए। दिल्ली और इससे सटे इलाकों में प्याज 30 से 35 रुपए प्रति किलो बिक रही है। पिछले एक सप्ताह में ही प्याज की कीमतों में दोगुनी वृद्धि हुई है।

प्याज की मूल्य पर निगाह रखने के लिए शीला दीक्षित ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश विभाग को दिए हैं।

हालांकि दिल्ली सरकार ने उम्मीद जताई है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से प्याज की आपूर्ति होने के बाद एक सप्ताह के अंदर प्याज की कीमतों में गिरावट आ जाएगी।

जानकारों के मुताबिक गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बारिश कम होने या न होने की वजह से इस बार प्याज पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

महाराष्ट्र में इस वर्ष की शुरुआत में जहां प्याज करीब 1100 रुपये क्विंटल बिक रहा था, वही अब यह 2300 रुपये के पार पहुंच गया है। महाराष्ट्र से अब तक करीब 13 लाख टन प्याज का एक्सपोर्ट हो चुका है।

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