पढ़ें: महिलाओं पर लगे पांच पाबंदियों के पैबंद

महिलाओं पर पाबंदी का पैबंद कोई नई बात नहीं है। गुजरात में वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में मर्यादा के नाम पर छात्राओं के स्कर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं छात्र और छात्राएं एक साथ डांस भी कर सकते हैं।

संवैधानिक रूप से हर महिला और पुरुष समान अधिकार है। सबको अपने जीवन जीने की स्वतंत्रता है। लेकिन हकीकत में हक और हुकूक की मांग तो दूर अभी इज्जत के साथ जीने की ख्वाहिश भी आधी आबादी को नहीं मिल रही है। सभ्य समाज में पाबंदियों का पैबंद हमारा सिर शर्म से झुका देता है। किसी ने सच ही कहा है, आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है, हर गिलहरी के बदन पर धारियां जरूर होंगी। चलिए हम आपको आधी आबादी पर लगने वाले पांच पाबंदियों को बताते हैं जो सभ्य समाज, शासन और प्रशासन के मुंह पर तमाचा है।

फोटो देखकर शादी करना गैर इस्लामी

मुजफ्फरनगर। शादी के सिलसिले में लड़की का फोटो लड़के के परिवार को मुहैया कराने की इस्लाम इजाजत नहीं देता। शरीयत के मुताबिक फोटो का लेन-देन और उसे देखकर शादी करना सशर्त शादी की जद में आता है, जो इस्लाम की मान्यताओं के खिलाफ है। यह बात बुधवार को प्रख्यात इस्लामिक संस्था दारुल उलूम ने कही।

मोबाइल फोन और शादियों में डांस पर रोक

जयपुर। शासन और प्रशासन को अंगूठा दिखाते हुए खाप पंचायत ने उदयपुर जिले में लड़कियों के मोबाइल फोन उपयोग और शादी-विवाह में डांस करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया। पंचायत द्वारा यह कहा गया था कि जो इस फैसले का विरोध करेगा उन 51,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

प्रेम विवाह पर रोक

प्रेम विवाह एक सामाजिक बुराई है- यह बात उत्तर प्रदेश में बागपत जिले की बड़ौत तहसील में 36 बिरादरियों की पंचायत के बाद उनके एक प्रतिनिधि ने कही थी। इस बुराई पर रोक लगाने के लिए पंचायत ने कई फरमान जारी किए। इसके तहत पंचायत ने 40 साल से कम उम्र की महिलाओं के अकेले बाजार जाने और घर से बाहर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। उल्लंघन करने वालों को कड़ा दंड देने का एलान किया गया था।

मिनी स्कर्ट पहनने पर रोक

श्रीनगर. धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी ने एक खास किस्म का ड्रेस कोड अपनाने का फरमान सुनाया था। पर्यटकों को मिनी स्कर्ट पहनने पर पाबंदी की फरमान जारी कर दिया। इतना ही नहीं संगठन ने पर्यटन विभाग को इसे जल्द ही लागू करने को भी कहा।

मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक

लश्कर-अल-कायदा और अलकायदा मुजाहिद्दीन नामक आतंकी संगठनों ने महिलाओं को बिना पर्दा बाहर न निकलने और मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने को कहा था। इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई थी कि बिना पर्दा पाएं जाने पर इन लड़कियों के चेहरों पर तेजाब फेंका जाएगा। अगर किसी युवती को मोबाइल फोन इस्तेमाल करते पाया गया तो उन्हें गोली मार दी जाएगी।

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