चिंकारा शिकार मामला: सलमान व सैफ पर चलेगा मुकदमा

जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने वर्ष 1998 में फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, अभिनेत्री नीलम कोठारी, तब्बू और स्थानीय सहयोगी दुष्यंत सिंह के खिलाफ काकाणी में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में निचली अदालत द्वारा पारित आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से दायर निगरानी याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर ली है। जिससे बॉलीवुड की इन हस्तियों पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वन्य जीव प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 9/52 और आईपीसी की धारा 149 के तहत मुकदमा शुरू किया जाएगा। न्यायाधीश संदीप मेहता ने सरकार बनाम सलमान खान और अन्य और सरकार बनाम सैफ अली, नीलम कोठारी और दुष्यंत मामले का निर्णय सुनाते हुए जहां एडीजे तृतीय के 4 मई 2006 के आदेश को आंशिक रूप से लागू कर दिया। उच्च न्यायालय में हिरण शिकार मामले में निगरानी याचिकाएं स्वीकार करने के बाद अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर जिला न्यायालय में इन सभी आरोपियों पर वन्य प्राणी संरक्षा अधिनियम की धारा 9/52 और आईपीसी की धारा 149 के तहत मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी। नियमानुसार निचली अदालत की सुनवाई की तारीखों पर इन सभी आरोपियों को जोधपुर में अदालत में मौजूद रहना होगा। मामले के अनुसार राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान फिल्म अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम कोठारी और दुष्यंत सिंह ने कथित रूप से काकाणी में 2 अक्टूबर 1998 को दो काले हिरणों का शिकार किया। इस पर वन विभाग की ओर से मुंसिफ और न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला जोधपुर में वन्य जीव प्राणी संरक्षा अधिनियम 9/51 और 9/52 के तहत मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन मजिस्ट्रेट ने स्वप्रेरणा से इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 148 और 149 भी जोड़ते हुए 20 फरवरी 2006 को आदेश पारित किए। इस पर मजिस्ट्रेट के आदेशों के खिलाफ सलमान और अन्य की ओर से अपर जिला और सेंशन जज तृतीय की अदालत में निगरानी याचिका दायर की गयी। जिसे एडीजे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सलमान खान को आईपीसी की धारा 148 और आ‌र्म्स एक्ट की धारा 27 से और अन्य कलाकारों को आईपीसी की धारा 147 से बरी कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार की ओर से वर्ष 2006 में हाईकोर्ट में निगरानी याचिकाएं दायर की गई। जिसका निर्णय 8 वर्ष बाद हुआ। अदालत में सलमान की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत और सैफ अली, सोनाली बेंद्रे और तब्बू की ओर से अधिवक्ता केके व्यास और सरकार की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता आरएल जांगिड़, महिपाल विश्नोई भी मौजूद थे।

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