किसी भी संपन्न देश के बजट से ज्यादा बड़े हैं यूपीए के घोटाले

upascams 2013-2-14नई दिल्ली। यूपीए सरकार में लगातार सामने आ रहे घोटाले उसके लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। विपक्ष इस सरकार को घोटालों की सरकार की संज्ञा तक दे चुका है। विपक्ष का कहना है कि इस सरकार में इतने घोटाले हुए हैं कि इससे देश की साख को भी बट्टा लगा है। टूजी घोटाला हो या सीडब्ल्यूजी घोटाला या फिर कोयला घोटाला, सभी का आंकड़ा लाख करोड तक पहुंच जाता है। विपक्ष का आरोप है कि संप्रग सरकार के यदि सभी घोटालों को मिला लिया जाए किसी संपन्न देश के सालाना बजट से ज्यादा के तो यहां घोटाले ही हुए हैं।

3,546 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर सौदे में भी दलाली का मामला उजागर होने के बाद संप्रग सरकार को घोटालों की सरकार कहा जा रहा है। संप्रग सरकार अपने पहले कार्यकाल में अपेक्षाकृत घपलों-घोटालों से बची रही थी। हालांकि दूसरी पारी शुरू करने के पहले उस पर वोट के बदले नोट घोटाला चस्पा हो चुका था। उसके दूसरे कार्यकाल में कई एक ऐसे घोटाले भी सामने आए जो वस्तुत: पहले कार्यकाल के थे।

2जी घोटाला संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में ही हुआ था, लेकिन वह सामने आया दूसरे कार्यकाल में। अब तो इस घोटाले की जांच में भी घोटाला नजर आने लगा है। माना जा रहा है कि इस सरकार का कार्यकाल खत्म होते होते कुछ और घोटाले सामने आएंगे। किसानों की कर्ज माफी योजना में घोटाला तो नजर भी आने लगा है। संप्रग सरकार की बदनामी का कारण बनने वाले कुछ प्रमुख घोटाले इस प्रकार हैं :-

2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला :- 2008 में जारी कैग की रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री ए राजा के मनमाने रवैये और नीतियों के चलते 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से देश को 1.76 लाख करोड़ का घाटा हुआ। बोली प्रक्रिया की जगह पहले आओ पहले पाओ नीति पर अमल किया गया। यह घोटाला 1.76 लाख करोड़ रुपये का निकला।

राष्ट्रमंडल खेल घोटाला :- 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान कई प्रोजेक्टों में धांधली पाई गई। निविदाओं से लेकर मनमाने तरीके से ऊंचे दामों पर सामानों को खरीदा गया। कई ऐसी कंपनियों को भुगतान किया गया जो अस्तित्व में ही नहीं थीं। यह घोटाला करीब 70 हजार करोड़ रुपये का है।

आदर्श घोटाला :- दक्षिण मुंबई के कोलाबा में कारगिल शहीदों के परिजनों के लिए आदर्श सोसायटी में उनकी जगह ऐसे नेताओं, अफसरों एवं सेना के अधिकारियों को फ्लैट मिले जिनका कारगिल युद्ध से कोई लेना-देना नहीं था। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इसके चलते अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

कोयला घोटाला :- 2009-2012 के बीच सरकार द्वारा निजी कंपनियों को आवेदन के आधार पर कोयले के 57 ब्लॉक आवंटित करने से इन कंपनियों को लाभ हुआ। बोली की प्रक्रिया से खजाने को नुकसान नहीं होता। कैग ने इस घोटाले में 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है।

हेलीकॉप्टर सौदा घोटाला :- यूपीए सरकार में सबसे ताजा घोटाला हेलीकॉप्टर घोटाला ही है। इस सौदे में 350 करोड़ रुपये की धूस देने के आरोप है। इसमें पूर्व वायु सेनाध्यक्ष एपी त्यागी और उनके रिश्तेदारों का नाम लिया जा रहा है। इस संबंध में इटली में एक कंपनी के सीईओ को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

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