कोहिमा। पूर्वोत्तर के दो राज्य नगालैंड और मेघालय में शनिवार सुबह मतदान शांतिपूर्ण तरीके शुरू हो गया। मेघालय में पहले दो घंटे के दौरान 12 फीसदी वोट पड़ने की खबर आ रही है। विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए दोनों राज्यों में चुनाव अधिकारी और सुरक्षा बल मुस्तैद हैं। नगालैंड में अनसुलझी नगा समस्या और आर्थिक विकास का मुद्दा अहम है। प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर दो महिलाओं व 39 निर्दलीयों सहित 188 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
इस बार 49 मौजूदा विधायक फिर से चुने जाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। सूबे में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और कांग्रेस में है। भाजपा ने 11 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 15 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। मेघालय में इस बार सभी दलों ने राजनीतिक स्थायित्व का नारा लगाया है। राज्य में कांग्रेस सत्ता पर अपना कब्जा बरकरार रखने की कोशिश करेगी।
वर्ष 1972 में असम से अलग होने के बाद मेघालय अब तक 23 मुख्यमंत्री देख चुका है। 60 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में 15 दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने सभी सीटों और पहले उसकी सहयोगी रही यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी 32, राकांपा 21 और भाजपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राज्य में 122 निर्दलीय सहित कुल 345 प्रत्याशी मैदान में हैं। महिला उम्मीदवारों की संख्या 25 है। पूर्वोत्तर के एक अन्य राज्य त्रिपुरा में गत 14 फरवरी को वोट डाले गए थे। तीनों राज्यों में मतगणना 28 फरवरी को होगी।