अफजल और बट के शव को परिजनों को सौंपे सरकार: उमर

national-omar-abdullah-mufti-sayeed-seeks-afzal-gurus-mortal-remains 2013-2-27

जम्मू। संसद हमले मामले में दोषी अफजल गुरू के शव पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। जम्मू-कश्मीर में पक्ष हो चाहे विपक्ष सभी शव को अफजल के परिजनों को सौंपने की मांग कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू और मकबूल बट के शवों को उनके परिजनों को सौंपे जाने के मुद्दे को लगातार उठाती रहेगी। अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लागिंग साइट टिवटर पर लिखे संदेश में कहा, ”मैंने अफजल गुरू और मकबूल बट दोनों के शव उनके परिजनों को सौंपे जाने के मामले में इसी माह की 19 तारीख को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मेरी सरकार लगातार केंद्र के साथ इस मुद्दे को उठाती रहेगी।”

अफजल गुरु का शव उसके परिजनों के हवाले करने की मांग को लेकर वादी में अलगाववादियों को लामबंद होते देख मंगलवार को राज्य के प्रमुख विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर गुरु का शव लौटाने का आग्रह किया है। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह गुरु को फांसी दी गई, उससे कश्मीरियों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास कम हुआ है और वह इससे आहत हैं।

मुफ्ती ने कहा कि लोगों में इस समय बहुत गुस्सा है और लावा अंदर ही अंदर पक रहा है, हालात कब बेकाबू हो जाएं, कोई पता नहीं। इसलिए आम लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, कश्मीरियों की आहत भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए केंद्र को कम से कम अफजल के शव को लौटा देना चाहिए, ताकि उसके परिजन धार्मिक तौर तरीकों से उसे दफना सकें।

गौरतलब है कि 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरू को नौ फरवरी को फांसी दिये जाने के बाद तिहाड जेल परिसर में ही दफना दिया गया था। जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सहसंस्थापक मकबूल बट को भी 11फरवरी 1984 को तिहाड जेल में ही फांसी के बाद जेल परिसर में ही दफना दिया गया था।

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