ताबड़तोड़ हमले को देख रणनीति एड्जस्ट की: विजेंदर

ओलंपिक खेलों के दूसरे दिन भारत के हिस्से में बुरी खबरें ज्यादा आईं लेकिन फिर भी मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह ने 75 किलोग्राम के वर्ग में अपना दम दिखाया.

उन्होंने कजाखिस्तान के दानाबेक शुजेनोव से जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया और चुनिंदा 16 में जगह बनाई.

जीत के लिए खेल खेलता हूँ

जब उनसे रणनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं खेल जीत के लिए खेलता हूँ और आज भी मैंने जीत के लिए ही खेल खेला.”

प्लानिंग के बारे में विजेंदर का कहना था, “हमने बाउट्स के लिए हिसाब से प्लानिंग की थी. प्रतिद्वंदी बॉक्सर ने ताबड़तोड़ मुक्के बरसाए, तो मैंने उसके हिसाब से खुद को एड्जस्ट किया….अंत में मुकाबले में उसे हराने में कामयाबी मिली.”

शुरु-शुरु में अपने प्रतिद्वंदी को चढ़ने का पूरा मौका देना और फिर उस पर हावी होने की रणनीति का वे पूरा श्रेय अपने कोच को देते हैं.

विजेंदर ने बताया, “कैसे हावी होना है, इस रणनीति का पूरा क्रेडिट हमारे दोनों कोच को जाता है – संधु सर और फर्नांडिस सर. हम इन दोनों के साथ तकरीबन 10 -12 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं और उन्हीं ने ही ये दांव-पेच सिखाए हैं. हम काफी खुश हैं उनके साथ.”

भावी योजना और रणनीति पर अपने पत्ते खोलने से हिचकाते हुए विजेंदर ने कहा कि अभी आगे बहुत सारे मैच बाकी हैं, इसलिए फिलहाल तो उस बारे में पहले से बताया सही नहीं होगा.

जब विरेंदर ने मैच जीता तो वहाँ मौजूद दर्शकों में भारतीय समर्थक ने नारे लगाए.

पहले राउड में विजेंदर 5-4 से आगे थे, दूसरे राउंड में 4- 3 से और तीसरा राउंड खत्म होने तक कुल स्कोर था 14-10 और विजेंदर के विरोधी की नाक से खून बह रहा था.

 

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