राजा की दहशत से दहल जाता है अच्छे अच्छों का दिल

Raghuनई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के खाद्य और रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि इनका इस्तीफा मंजूर होगा। उधर डीएसपी की पत्नी धरने पर बैठी है और राजा की गिरफ्तारी के साथ साथ सीबीआई जांच की मांग कर रही है। पत्नी का कहना है कि जब तक सीएम खुद उनके आवास आकर सीबीआई जांच की घोषणा नहीं करेंगे शव दफनाया नहीं जाएगा। इन पर पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप है। राजा भइया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वो पूरी तरह निर्दोष हैं।

राजा भइया पर यह कोई नया आरोप नहीं है। इस तरह के कई संगीन मामलों में राजा भइया पहले से फंसे हुए हैं। आतंकवाद निरोधी गतिविधि कानून (पोटा) और गैंगस्टर एक्ट सहित कई संगीन मामलों में आरोपी रहे कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया मुलायम सिंह की सरकार में पहले भी (2005 में) मंत्री रह चुके हैं।

क्राइम रिकॉर्ड

इस विधानसभा चुनाव के दौरान राजा भैया ने चुनाव आयोग में जो हलफनामा जमा किया है, उसके मुताबिक उनके खिलाफ लंबित आठ मुकदमों में हत्या की कोशिश, अपहरण और डकैती के मामले भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत भी उनके खिलाफ मामला चल रहा है। दिसंबर 2010 में इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। इससे पहले साल 2002 में भाजपा विधायक पूरन सिंह बुंदेला ने उन पर अपहरण करने का आरोप लगाया।

उम्र को लेकर भी ये विवाद में फंस चुके हैं। साल 2012 में चुनाव लड़ने के लिए राजा भैया ने जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उनकी उम्र 38 साल दर्ज है। दूसरी ओर, एक तथ्य यह भी है कि राजा भैया 1993 से लगातार प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से निर्दलीय चुनाव जीत रहे हैं। अगर 2012 में राजा भैया 38 साल के हैं तो 1993 में उनकी उम्र 19 साल रही होगी। जबकि भारतीय संविधान के मुताबिक 25 वर्ष से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति लोकसभा और विधानसभा सीट के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता।

सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि तालाब में राजा भइया कई मगरमच्छ पाल चुके हैं। कुछ सालों पहले तालाब से कंकाल मिले थे।

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