नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देश की सभी महिलाओं को बधाई। महिला दिवस पर पत्रिका डॉट कॉम उन महिलाओं से रूबरू कराने जा रहा है जिन पर न सिर्फ महिलाओं को बल्कि पूरे देश को नाज है। इन महिलाओं ने अपने अपने क्षेत्र में ऎसा काम किया जिससे वे आज भी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं।
1.किरण बेदी-पहली महिला आईपीएस अफसर
जुलाई 1972 में किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा ज्वाइन करने वाली पहली महिला बनी। पुलिस अधिकारी के रूप में किरण बेदी ने वो काम कर दिखाया जिससे देश की सभी महिलाओं का सर फक्र से ऊंचा हो जाता है।
दिल्ली में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ चलाई गई मुहिम ने उन्हें रातों रात मशहूर कर दिया। ट्रैफिख नियम तोड़ने वाले उनके नाम से खौफ खाने लगे। अगर कोई गलत जगह गाड़ी पार्क करता तो क्रेन आकर उस गाड़ी को उठाकर ले जाती।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में आईजी के रूप किरण बेदी ने सुधार के वे कदम उठाए जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। उन्होंने भीड़भरी जेल को डिसेन्ट जेल में तब्दील किया। पाथब्रेकिंग रिफोर्म के लिए 1994 में उन्हें रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा गया। किरण बेदी अब सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय है। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जुड़कर उन्होंने देशसेवा की।
2.लक्ष्मी सहगल-पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर
लक्ष्मी सहगल या कैप्टन लक्ष्मी सहगल सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर बनी। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय होने से पहले 1938 में उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री ली। 1940 में वह सिंगापुर चली गई। जहां वह नेताजी की इंडियन नेशनल आर्मी के सदस्यों से मिली। वहां उन्होंने गरीब भारतीय लोगों के लिए क्लिनिक शुरू किया। यह वह समय था जब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। उन्होंने आजाद हिंद फौज की झांसी की रानी रेजिमेंट की अध्यक्षता की। आजाद हिंद सरकार में वह महिला मामलों की मंत्री भी बनी। वामपंथी विचारधारा से प्रेरित सहगल ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी लड़ा।
3.कादंबिनी गांगुली-पहली महिला फिजिशियन
कादंबिनी गांगुली पहली महिला भारतीय फिजिशियन थी। कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिला थी। उनका उनका जन्म 1861 में हुआ। 1886 में वह पहली महिला फिजिशियन बनी। दक्षिण एशिया की वह पहली महिला थी जिन्होंने यूरोपियन मेडिसन में ट्रेनिंग ली। वह सामाजिक आंदोलन से भी जुड़ी रही। कोयला खदान में काम करने वाली महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए उन्होंने काम किया।
4.बछेन्द्री पाल-माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला
बछेन्द्री पाल माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला है। 22 मई 1984 को माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर वह ऎसा करने वाली दुनिया की पांचवी महिला बनी। वह एवरेस्ट 84 टीम की सदस्य बनी। इस टीम में 11 पुरूष और 6 महिलाएं शामिल थी। जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की कोशिश की। वह अपनी टीम की एकमात्र सदस्य थी जो दूसरी टीम के
सदस्य के साथ माऊंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची। इसके लिए उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
5.होमई व्यारवल्ला-पहली महिला फोटोजर्नलिस्ट
होमई व्यारवल्ला भारत की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट बनी। 1930 में बतौर फोटोग्राफर उन्होंने अपना करियर शुरू किया। बतौर फोटोग्राफर उन्होंने देश के राष्ट्रीय और रानीतिक नेताओं के फोटो खींचे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शामिल है। ये फोटो उस वक्त खींचे गए जब आजादी के लिए आंदोलन चल रहा था। उन्हें लोग झूठे नाम डाल्डा 13 के नाम से जानते थे। 15 जनवरी 2012 को उनका निधन हो गया।
6.हरिता कौर दियोल-पहली महिला पायलट
सितंबर 1994 में फ्लाइट कैडेट हरिता कौर ने इतिहास रच दिया। वह एव्रो एयरक्राफ्ट को अकेले उड़ाने वाली पहली महिला बनी। 5 फीट 2 ईंच की हरिता के लिए वह बड़ा अवसर था जब वह इंडियन एयरफोर्स में शामिल हुई। हरिता मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली है। 22 साल की उम्र में ही उन्होंने यह कारनाम कर दिखाया था। 1992 में एयरफोर्स ने 8 महिला पालयटों के लिए विज्ञापन निकाला। हरिता ने अप्लाई किया और एयरफोर्स में पहली महिला पायलट बनी।
7.विजयलक्ष्मी पण्डित-यूएन असेंबली में पहली महिला अध्यक्ष
विजय लक्ष्मी केन्द्र सरकार में मंत्री बनने वाली पहली महिला थी। 1937 में लोकल सेल्फ गर्वमेंट और पब्लिक हेल्थ की जिम्मेदारी दी गई। 1953 में वह संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला बनी। 1962 में वह महाराष्ट्र की राज्यपाल बनीं। बाद में उन्होेने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारतीय प्रतिनिधित्व किया।
8.पुनीता अरोड़ा-पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल
पुनीता का जन्म लाहौर के एक पंजाबी परिवार में हुआ। जब वह 12 साल की थी तब उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बस गया। जनवरी 1968 में पुनीता को कमीशन मिला। भारतीय नौ सेना की वाइस एडमिरल बनने से पहले सैन्य बल के मेडिकल कॉलेज में कमांडेंट थी। 2004 में उन्होंने एएफएमसी में कमांंडेंट का पद संभाला। इसके बाद मेडिकल कॉलेज को कमांड करने वाली पहली महिला अधिकारी बनी। इससे पहले वह सैन्य बलों के मेडिकल सेवा में अतिरिक्त महानिदेशक थी। वह आर्मी से नेवी में गई क्योंकि एएफएमसी ऎसा कॉमन पूल था जो जरूरत पड़ने पर अधिकारियों को एक से दूसरी सर्विस में जाने की इजाजत देता है।
9.पीटी ऊषा-ओलंपिक के फाइल में पहुंचने वाली पहली महिला
1984 में लॉस एंजेलिस में हुए ओलंपिक के दौरान पीटी ऊषा मशहूर हुई। उस वक्त उन्होंने 400मीटर बाधा दौड़ के सेमीफाइनल में प्रथम आई। इसके बाद वह ओलंपिक इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलिट बनी। फाइनल में वह 1/100 सेकैण्ड से ब्रांज मेडल से चूक गई। भले ही वह ओलंपिक में मेडल नहीं जीत पाई लेकिन उन्होंने हजारों लड़कियों को एथलिट बनने के लिए प्रेरित किया। एथलेटिक्स में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 30 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
10.कल्पना चावला-अंतरिक्ष में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला
हरियाणा के करनाल में जन्मी कल्पना चावला भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री थी। वह अंतरिक्ष में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी। वह मिशन स्पेशियलिस्ट और प्राइमरी रॉबोट ऑर्म ऑपरेटर की 6 सदस्यीय टीम में शामिल थी।