जयपुर पुलिस कमिश्नर को पद से हटाया

police spजयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों पर पुलिस कार्रवाई के मामले में सरकार का पक्ष सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी और एडीसीपी रघुवीर सैनी सहित एक दर्जन पुलिस अधिकारियों को 15 दिनों के लिए पद से हटाने के निर्देश दिए और मामले की न्यायिक जांच का आदेश देकर जल्द ही रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायिक जांच हाईकोर्ट जज करेंगे। कोर्ट के फैसले से वकीलों में खुशी की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में वकील आंदोलन के दौरान की गई कार्रवाई को आवश्यक बताया।

वकीलों ने की नारेबाजी
कोर्ट का फैसला आने के बाद वकीलों ने सरकार की पैरवी करने अदालत पहुंचे महाधिवक्ता जीएस बाफना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े वकील हाईकोर्ट परिसर के सभागार में सभा कर आंदोलन की स्थिति पर विचार में जुटे। वहीं सेशन कोर्ट के सतीशचंद सभागार में द बार एसोसिएशन जयपुर सहित अन्य बार एसोसिएशन की मीटिंग में वकील पुलिस कार्रवाई को लेकर जबरदस्त आक्रोशित दिखे और रह-रहकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

वकीलों और पुलिस के बीच तनाव शुक्रवार को भी बरकरार रहा। शुक्रवार सुबह करीब दस बजे हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने मोबाइल से फोटो खींच रहे एक व्यक्ति की जमकर धुनाई भी कर दी। वकील अभी भी जिला कलेक्ट्रेट, सेशन कोर्ट परिसर में पुलिस का प्रवेश रोकने पर अड़े हैं। पुलिस ने हाईकोर्ट, जिला सेशन कोर्ट और जिला कलेक्ट्रेट के बाहर मोर्चा संभाल रखा है। हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट और जिला कलेक्ट्रेट के आस-पास पुलिस, आरएसी और एसटीएफ के पांच सौ जवान तैनात हैं। वकीलों ने 55 सदस्यीय संघष्ाü समिति का गठन किया है।

एजी ने कहा,करवा रहे हैं वकीलों का इलाज
मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता जीएस बाफना ने मुख्य न्यायाधीश अमिताभ राव की अदालत में जवाब पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई में घायल वकीलों का उचित इलाज करवा रही है। इसमें पुलिस ने अपनी कार्रवाई को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक करार दिया। खबर लिखे जाने तक अदालत में सुनवाई जारी है। पुलिस व प्रशासन देर रात तक जनहित याचिका की तैयारियों में जुड़े रहे।

गवर्नमेंट काउंसिल ने छोड़े पद
मिली जानकारी के मुताबिक वकीलों के समर्थन में कुछ गवर्नमेंट काउंसिल ने अपने पदों से त्याग-पत्र दे दिया।

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