नई दिल्ली। भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान यदि सीजफायर का उल्लंघन करता है तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि हमने भी कोई चूड़ियां नहीं पहनी हैं। उन्होंने यह बयान ऐसे वक्त दिया है, जब पाक पीएम भारत आए हुए हैं और उनकी यात्रा का जमकर विरोध हो रहा है।
पाकिस्तान पीएम राजा परवेज अशरफ के जयपुर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दौरे का पूरे अजमेर समेत राजस्थान में जमकर विरोध हो रहा है। राजस्थान और जयपुर के लोगों के विरोध को सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर भी जबरदस्त समर्थन मिल रही है। सोशल साइट पर भी लोग पाक पीएम के दौरे का विरोध कर रहे हैं। लोगों ने यहां तक कह डाला है कि भारतीय सैनिकों के सिर के बदले पाक पीएम को अपना सिर झुकाना पड़ेगा। लोगों ने इस मसले पर केंद्र सरकार पर भी सवाल खेड़ किए हैं। उनका कहना है कि आखिर क्यों सरकार देश के शहीदों का सिर काटने वालों का स्वागत करती है उनके साथ लंच करती है। लोग साइट पर यह लिखकर नारे लगा रहे हैं कि पहले सिर झुकाओ फिर शहीदों के सिर लौैटाओ।
अजमेर दौरे के विरोध पर ट्वीट
-प्रकाश लिखते हैं कि अगर पाक पीएम अपने निजी दौरे पर आ रहे हैं तो क्यों केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद उनका स्वागत करने जा रहे हैं।
-शिल्पी लिखती हैं कि अजमेर और जयपुर के लोगों को सलाम करने को जी चाहता है क्योंकि इन लोगों ने पाक पीएम के अजमेर दौरे का विरोध करके सच्चे भारतीय होने का सबूत दिया है।
-गौरव लिखते हैं कि सिर्फ पाक सीमा पर भारतीय सैनिकों के सिर कलम की घटना ही नहीं बल्कि हाल ही में हुए हैदराबाद ब्लास्ट में भी पाक का हाथ बताया जा रहा है। ऐसे में किसी भी अधिकारी को यहां आने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
-शैली लिखती हैं कि हिंसा के बीच भी भारत अपनी मर्यादा और संस्कार नहीं भूला है। भारत में अतिथि भगवान के समतुल्य होता है। इसलिए सलमान खुर्शीद राजा परवेज अशरफ का स्वागत करने जा रहे हैं।
-सौरव लिखते हैं कि कम से कम परवेज अजमेर जा रहे हैं, अगर वे पूरे भारत के दौरे पर आते तो क्या होता।
-अरुण लिखते हैं कि पहले गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आतंकी हाफिज सईद से दोस्ती की और अब खुर्शीद साहब ने पाक पीएम से दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया। कोई फर्क नहीं है इन दोनों में।
-सुशील लिखते हैं कि विदेश मंत्रालय के साथ लंच करने से पहले पाक पीएम को उन लोगों के साथ डिनर करना चाहिए जो लोग रात को बगैर खाए सो जाते हैं।
-राजेश कालरा लिखते हैं कि भारत तो हमेशा ही तहे दिल से सबका स्वागत करता है और इस बार भी कर रहा है लेकिन अब जो करना है वो ये है कि पाक पीएम को स्वागत के बाद सीधे देश की दहलीज के बाहर फेंक दिया जाए।
-भुवन लिखते हैं कि जैसे हाथी कहीं भी घुस जाता है वैसे ही पाक पीएम पता नहीं कैसे चला आया।
-दिनेश कुमार दुबे लिखते हैं कि क्या काटा हुआ सिर वापस लाया है पाक पीएम। अगर नहीं तो अब उसका सिर काटकर वापस भेज देते हैं।
-प्रकाश शर्मा ने लिखा है कि पाक पीएम भारत अपनी निजी यात्रा पर आए हैं। ऐसे में सलमान खुर्शीद उनका स्वागत करने गए हैं, तो इसका मतलब यह है कि खुर्शीद पाकिस्तान के निजी दोस्त हैं।
– गुरुराज लिखते हैं कि जब पाक पीएम को लंच कराया जा रहा है तो जरूर सरकार ने उनके भव्य स्वागत के लिए मुजरे का इंतजाम भी किया होगा।
-अमित लिखते हैं कि जब पाक पीएम खुर्शीद से हाथ मिला रहे थे तो उनके चेहरे पर डर और शिकन दिखी, इसका मतलब कहीं न कहीं वे खुद इन सब हालात से शर्मिदा हैं।
-सचिन ने तो सलमान खुर्शीद को पात पीएम का मैनेजर ही बना डाला।