दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज के छात्र चांद पर खुदाई करने के लिए रोबोट का मॉडल तैयार कर रहे हैं। मई में इसका प्रदर्शन नासा के समक्ष होगा। यह नासा द्वारा आयोजित चौथी वार्षिक लुनाबोटिक माइनिंग कंपटीशन का हिस्सा है। इससे जोए कास्मो अवार्ड जीतने वाली टीम को तीन हजार डालर की स्कालरशिप दी जाएगी साथ ही नासा द्वारा लांच किए जाने वाले राकेट को देखने के लिए भी आमंत्रित भी किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के 29 छात्र-छात्राएं क्लस्टर इनोवेटिंग सेंटर के साथ मिलकर चौथे वार्षिक लुनाबोटिक माइनिंग कंपटीशन में रोवर बनाने की तैयारी में लगे हैं। इस टीम के प्रमुख फिजिक्स आनर्स थर्ड इयर के छात्र अनुव्रत साहा ने बताया कि किरोड़ीमल कालेज के छात्र इसमें यांत्रिकी हिस्से को डिजाइन कर रहे हैं जबकि साफ्टवेयर के काम में डीयू का क्लस्टर इनोवेशन सेंटर मदद कर रहा है। इस रोबोट की क्षमता चांद पर 10 मिनट में लगभग 80 किलो मिट्टी की खुदाई करने की है। हमें वहां कुल 15 मिनट दिए जाएंगे जिसमें पांच मिनट में हम हमने रोवर को सेट करेंगे उसके बाद दस मिनट में वो खुदाई करेगा। पिछले साल भी नासा के सामने हमने बेहतर प्रदर्शन किया था इसलिए इस वर्ष हमें आमंत्रित किया गया।
इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने टीम के 29 सदस्यों में से 10 लोग जाएंगे। हमें इसके निर्माण में आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए कुछ निजी संस्थानों से भी हम आर्थिक मदद ले रहे हैं।
यह रोबोट तकनीकी रूप से पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। क्योंकि चांद के ऊपरी सतह पर मिट्टी रेतीली होती है लेकिन खोदने के बाद नीचे ठोस होती है। इस रोवर को चांद की मिट्टी की अवस्था को देखते हुए खास तौर पर तैयार किया गया है।
इस प्रोजेक्ट के लिए नासा ने विश्व के कई विश्वविद्यालयों को आमंत्रित किया है। इस वर्ष लगभग 70 टीम आमंत्रित हैं लेकिन मुकाबल 50 टीमों के बीच है।
टीम की फैकल्टी एडवाइजर डा. सुमित्रा मोहंती ने बताया कि पिछले वर्ष हमें बेहतर अनुभव मिले थे। हमारे रोबोट का मॉडल पिछले वर्ष से बेहतर है। इसको लेकर छात्र उत्साहित हैं। हमने दिल्ली सरकार के समक्ष आर्थिक मदद के लिए अपना प्रस्ताव भेजा है और इसमें मुख्यमंत्री ने दिलचस्पी भी दिखाई है। उम्मीद है कि हमें इसे भेजने में किसी तरह की आर्थिक दिक्कत नहीं आएगी।
गौरतलब है कि नासा की यह प्रतियोगिता उसके 2020 में चांद पर बेहतर रोवर भेजने की योजना का हिस्सा है। यह प्रतियोगिता मई में 20-24 तक फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में होगी।