लखनऊ। यह ऐसा सच था कि जिसे सुनकर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन भी सन्न रह गए। शनिवार को लखनऊ में प्रसव पूर्व लिंग चयन प्रतिषेध बोर्ड की बैठक थी, स्वास्थ्य मंत्री के सामने अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। मंत्री को बताया जा रहा था कि गर्भ में पलने वाले बच्चे का लिंग बताने वाले डॉक्टरों, अस्पतालों के खिलाफ बहुत सख्ती बरती जा रही है, लगातार अभियान चल रहा है। अब तक ऐसे 83 मामले पकड़े भी जा चुके हैं। अहमद हसन ने सवाल कर दिया कि इनमें से कितने मामलों में सजा हुई? यह सवाल सुनते ही बैठक में सन्नाटा छा गया, झिझकते हुए उन्हें बताया गया कि किसी को भी सजा नहीं हो पाई, सभी केस छूट गए।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि अब वह सरकार नहीं रही, जिसमें रिश्वत खाने और खिलाने की आजादी थी। इस सरकार में दोनों पर पाबंदी है। प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर रोक के लिए छापे पैसा कमाने का जरिया नहीं नहीं बनाए जाएं।