आगरा। दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआइ) लैब में शोध छात्रा के हत्यारे का एक और राजदार था, जिसने कार ले जाने में उसकी मदद की। इसके बाद उसके साथ ही कार छोड़कर भाग निकला। घटना के दूसरे दिन लैपटॉप और तीसरे दिन मोबाइल की बरामदगी के बाद कातिल के बारे में जांच इस दिशा में चल पड़ी है।
कातिल ने मिटाये सुबूत, साथी ले गया कार लैपटॉप और मोबाइल बरामद होने के बाद नई कहानी उभर रही है कि कातिल के साथ कोई और था, जो बाहर खड़ा था। कातिल ने हत्याकांड को अंजाम दिया।
इसके बाद अपने साथी को कार की चाभी देकर आगे मिलने को कहा। उसके जाने के बाद कातिल ने सावधानी से लैब का ताला लगाया, ताकि उस पर खून का कोई निशान न आए। इसके बाद पहले मोबाइल को झाड़ियों में रखा। फिर उसी दिशा में आगे चलते हुए दो सौ मीटर दूर घास में मोबाइल फेंका। मोबाइल फेंकने से पहले उसकी बैटरी, सिम और मेमोरी कार्ड हटा दिया गया। इसके बाद दूसरे रास्ते से बाहर निकलकर खेलगांव रोड पर पहुंचा, जहां कार वाला साथी उसका इंतजार कर रहा था। हत्या की बात पता लगते ही साथी के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में हजूरी बाग की बाउंड्री के पीछे बैग फेंका और भाग निकले।
कार में नहीं मिला था खून
छात्रा की कार में खून का एक भी निशान नहीं था। जबकि छात्रा को जिस अंदाज में मारा गया, उसके हिसाब से कातिल के कपड़े और शरीर पर बेहिसाब खून होना चाहिए था। यानि कार उस शख्स ने चलाई, जिसके शरीर पर खून था।