सोनिया ने हाथ जोड़कर मुलायम से की ये अपील

sonia-request-mulayam-leave-his-demandनई दिल्ली। डीएमके के समर्थन वापसी के बाद केंद्र सरकार को अब सपा और बसपा का ही सहारा है। मौके का फायदा उठाते हुए अब सपा ने भी तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कैबिनेट मंत्री बेनी प्रसाद का इस्तीफा मांगा है। उधर भाजपा ने भी इस मुद्दे पर मुलायम का सिंह का साथ दिया है। मुलायम संसद के सम्मानित नेता हैं। कमीशन की बात विशेषाधिकार का हनन है। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मांग की है किबेनी को तुरंत बर्खास्त किया जाए। सपा सांसदों और मुलायम सिंह के विरोध को सोनिया देख रहीं थीं। सपा के सूत्रों के मुताबिक जब लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई तब सोनिया गांधी भी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से लोकसभा मिलीं। इतना ही नहीं हाथ जोड़कर कहा कि बर्खास्त करने की मांग को छोड़ दें। मिलने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि बेनी का बयान उनका निजी बयान है। सोनिया गांधी के बयान के बाद बेनी प्रसाद वर्मा पीएम से मिले। पीएम से मिलने के बाद बेनी ने कहा कि मेरे बयान से किसी को दुख पहुंचा हो तो इसका खेद है। बेनी प्रसाद वर्मा के खेद जताने के बाद भी सपा का रूख नरम नहीं है। मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि अभी वह कुछ भी नहीं कहेंगे जो भी कहना है कल कहेंगे। सपा नेता राम आसरे ने कहा है कि खेद जताने से काम नहीं चलेगा। बेनी की बर्खास्तगी होनी चाहिए। अब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी मुलायम सिंह यादव के साथ दिखे। लालू ने कहा है कि बेनी को अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। बेनी का यह बयान निंदा योग्य है।

इस मुद्दे पर एक बार फिर संसद में भारी हंगामा हुआ और लोकसभा को कल तक स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि बेनी ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव सरकार को समर्थन देने के बदले में कमीशन लेते हैं।

उल्लेखनीय है कि बेनी ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव के संबंध आतंकियों से हैं। इसके बाद से ही सपा माफी मांगने की मांग कर रही है। उधर डीएमके के अलग होने के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की नसीहत दे डाली है।

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए सपा नेता ने कहा कि साथियों के अलग होने की वजह पर कांग्रेस को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यूपीए सरकार बार-बार गलतियां कर रही हैं जिससे सहयोगी नाराज हो रहे हैं। सरकार अपने सहयोगियों की अनदेखी करती है। केंद्र सरकार की नीति पर तीखा वार करते हुए सपा नेता ने यहां तक कह डाला कि इससे तो राजग सरकार ही बेहतर थी। गुजरात दंगों को छोड़ दें तो राजग सरकार ने यूपीए सरकार से बेहतर काम किए हैं। यूपीए सरकार को समर्थन देने के सवाल पर सपा सुप्रोमो के फैसले को ही अंतिम फैसला बताते हुए कहा कि अभी तो समर्थन दे रहे हैं आगे का पता नहीं।

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