अब राशिद अल्वी ने मोदी को बताया ‘यमराज’

modi kjdafनई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की पीएम प्रत्याशिता अभी भाजपा ने भले ही तय न की हो, लेकिन कांग्रेस को मोदी का भूत सताने लगा है। शुक्रवार को उस वक्त यह स्पष्ट हो गया जब कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने प्रकारांतर से मोदी की तुलना ‘यमराज’ से कर दी तो केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने गुजरात जैसे दंगे दोहराने की आशंका जता दी। जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने याद दिलाया कि ‘मौत का सौदागर’ कहने का खामियाजा कांग्रेस भुगत चुकी है। अब फिर से जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी।

सीआइआइ में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुरुवार के भाषण और गांधी नगर में मोदी के बयान ने माहौल गरमा दिया है। यही कारण है कि कांग्रेस शुक्रवार को आक्रामक हो गई। गुजरात विस के चुनाव प्रचार में पूरी सावधानी बरतते हुए मोदी के खिलाफ भड़काऊ बयान से बचती रही कांग्रेस ने अब मोदी की तुलना यमराज से कर दी। राशिद अल्वी ने राहुल गांधी के सीआइआइ में दिए भाषण का जिक्र करते हुए कहा, ‘राहुल ने अपने भाषण में घोड़े पर आने वाले जिस मसीहा की बात की थी वह मोदी के लिए नहीं थी। वरना घोड़े नहीं भैंसे पर सवारी की बात करते।’ ध्यान रहे कि यमराज की सवारी भैंसा है। वहीं मनीष तिवारी ने आशंका जताते हुए कहा, मैं आशा करता हूं कि पूरे देश में वह घटना नहीं दोहराई जाएगी जो 2002 में गुजरात में हुई थी? मनीष ने यह टिप्पणी मोदी के उस बयान पर की जिसमें उन्होंने देश का कर्ज उतारने की बात कही थी। मोदी ने परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री उम्मीदवारी की मंशा जताई थी।

भाजपा ने भी पलटवार में देर नहीं लगाई। शाहनवाज ने कहा,कांग्रेस अपनी गलतियों से भी सीख लेने को तैयार नहीं है। मौत का सौदागर कहने के बाद गुजरात चुनाव में अपनी दुर्गति देख चुकी है। बौखलाहट में अब गाली गलौज पर उतर चुकी है। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। पार्टी की एक अन्य प्रवक्ता सीतारमण ने कांग्रेस को असम, मुंबई और 1984 के दंगे की याद दिलाई।

ज्ञात हो, 2007 के चुनाव में सोनिया गांधी ने मोदी को मौत का सौदागर कहा था। असर उलटा हुआ था। कांग्रेस सिमट गई थी। यही कारण था कि हाल के पिछले चुनाव में कांग्रेस ने पूरी सावधानी बरती थी और एक बार भी ऐसा कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया था जिससे मोदी समर्थक उत्तेजित हों। अब जबकि पीएम उम्मीदवारी को लेकर चर्चा छिड़ी है और मोदी मोर्चे पर खड़े हैं तो कांग्रेस के नए बयानों से माहौल गरमा सकता है। खास तौर पर तब, जबकि मोदी रविवार और सोमवार को दिल्ली में होंगे।

राहुल ने अपने भाषण में घोड़े पर आने वाले जिस मसीहा की बात की थी वह मोदी के लिए नहीं थी। वरना घोड़े नहीं भैंसे पर सवारी की बात करते

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