सबा और फराह को पटना के अस्पताल ने गोद लिया

patna-hospital-to-help-cojoined-twinsपटना। सिर से जुड़ी जड़वां बहनों सबा और फराह के आजीवन इलाज की जिम्मेदारी पटना के उदयन अस्पताल ने ले ली है। इसकी घोषणा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ.अजय आलोक ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में की।

डॉ.अजय आलोक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सबा-फराह के जीविकोपार्जन के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रतिमाह देने का फैसला सुनाया है। वे इस फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इतने कम रुपयों में उनकी परवरिश करना संभव नहीं है, इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने दोनों बच्चियों के आजीवन इलाज की जिम्मेदारी ले ली है। उन्हें चिकित्सीय सेवा के अलावा दवाइयां भी फ्री मुहैया कराई जाएगी।

संवाददाता सम्मेलन में अपोलो हास्पिटल के न्यूरो सर्जन डा. श्याम सुंदर ने बताया कि दिल्ली में सबा-फराह को अलग करने के लिए चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई थी, जिसमें वह शामिल थे।

टीम ने काफी शोध करने के बाद पाया कि यदि उनके मस्तिष्क का ऑपरेशन किया गया तो, दो में से केवल एक ही बच पाएगी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद दो में से एक वेनस इंफ्राक्ट (मस्तिष्क निष्क्रियता) की शिकार हो सकती हैं, जिसके बाद पीड़ित आठ घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह सकती हैं। उन्होंने कहा कि उदयन हॉस्पिटल में न्यूरो से संबंधित अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध है। यदि उनके अभिभावक ऑपरेशन कराने के इच्छुक हैं, तो वे यहां भी ऑपरेशन करा सकते हैं। संवाददाता सम्मेलन में डा.वी.के.ठाकुर, डा.कुमार आशीष एवं सबा-फराह के भाई तमन्ना भी उपस्थित थे।

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