नई दिल्ली। चिन्नास्वामी स्टेडियम धमाकों की तीसरी बरसी पर बेंगलूर एक बार फिर आतंकी हमले से दहल उठा। हैदराबाद धमाके के दो महीने के भीतर आतंकियों ने भाजपा के स्थानीय कार्यालय को निशाना बनाया, जहां विधानसभा चुनाव के कारण सरगर्मियां तेज थीं। कर्नाटक में पांच मई को विधानसभा का चुनाव होना है और इसके लिए बुधवार को नामांकन का अंतिम दिन है। धमाके की सूचना मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच में सहयोग के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड [एनएसजी] की टीमें भेज दी हैं। धमाके में 11 पुलिसकर्मी समेत 16 लोग घायल हो गए। विस्फोट पर दिल्ली में भी सियासी गूंज सुनाई दी। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
वैसे गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियां धमाके के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन का नाम लेने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ हो सकता है। इस बीच एनआइए के एक अधिकारी ने विस्फोट की जगह से सीसीटीवी फुटेज मिलने का दावा किया है। फुटेज से पता चलता है कि मोटरसाइकिल 10:15 बजे खड़ी की गई थी। 10.43 बजे हुआ विस्फोट इतना बड़ा था कि मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए और आसपास खड़ी तीन कारें बुरी तरह जल गई। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धमाके की वजह से कुछ इमारतों की खिड़कियों के शीशे चटक गए। धमाके की गूंज काफी दूर तक सुनाई दी।
सूत्रों के अनुसार विस्फोट के लिए आइईडी का उपयोग किया गया था और जांच एजेंसियों को विस्फोट स्थल से तार, सर्किट के टुकड़े और एक सिम भी मिला है। शुरुआती जांच से साफ है कि विस्फोट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है। आशंका है कि विस्फोट कराने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया गया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने जांच में राज्य सरकार को पूरी सहायता का भरोसा दिया है। वहीं गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि इस धमाके का विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य में पहले ही केंद्रीय सुरक्षा बलों को पर्याप्त संख्या में भेज दिया गया है।
केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि यदि विस्फोट एक-दो दिन पहले होता तो ज्यादा नुकसान हो सकता था। उनके अनुसार सोमवार तक भाजपा कार्यालय के बाहर टिकट के लिए नेताओं और उनके समर्थकों की भारी भीड़ होती थी। लेकिन नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण वहां अपेक्षाकृत भीड़ कम थी। शायद यही कारण है कि घायलों में आधे से अधिक सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस के जवान हैं। बेंगलूर के पुलिस आयुक्त राघवेंद्र औरादकर के अनुसार सभी घायल खतरे से बाहर हैं।
थर्रा उठे बेंगलूर के बाशिंदे
बेंगलूर [पद्मिनी प्रभु]। आइटी शहर के नाम से विख्यात बेंगलूर के बाशिंदों की दिन की शुरुआत बुरी खबर से हुई। करीब 10:40 मिनट पर हुए धमाके की गूंज इतनी तेज थी कि आसपास की इमारतों के शीशे चकनाचूर हो गए और लोग दहशत में आ गए। घटनास्थल पर अफरातफरी मर्च गई। हेबल और दूसरी जगहों पर भी विस्फोट की अफवाह के बाद पूरे शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यहां मालेश्वरम स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर हुए विस्फोट में घायल हुए लोगों को नजदीकी केसी जनरल अस्पताल और मालिगे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में एक ही हालत नाजुक बताई जा रही है। स्थानीय निवासी राजुता प्रभू ने बताया कि जब हमने धमाके की आवाज सुनी तो समझ में नहीं आया कि हुआ क्या है। कंपन के साथ खिड़कियां हिलने लगीं। जब हमने बाहर जाकर देखा तो लोग इधर-उधर भाग रहे थे और भाजपा दफ्तर के पास काफी धुआं निकल रहा था। हम काफी डरावना दृश्य था। घटनास्थल के नजदीक स्थित दुकान, मकान और व्यवसायिक परिसर भी विस्फोट के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऑडिटिंग ऑफिस के मालिक अर्जुन ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर डर के मारे परिसर में मौजूद सभी लोग बाहर निकल आए।
हादसे में घायल पुलिस कांस्टेबल जयान्ना ने बताया कि हम करीब सवा दस बजे भाजपा दफ्तर पहुंचे थे। करीब सौ मीटर की दूरी पर हम अपने वैन में बैठे थे तभी धमाके की आवाज सुनाई दी। हम कुछ कर पाते इससे पहले वहां खड़ी बस की खिड़कियों के टुकड़ों ने वैन में बैठे हम चारों लोगों को जख्मी कर दिया। केसी जनरल अस्पताल के डॉक्टर भवानी रमेश ने बताया कि कुल 16 घायलों में दो नाबालिग लड़कियों को आइसीयू में रखा गया है। जबकि दो लोगों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
नीली मोटरसाइकिल में रखा था बम
पुलिस रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है कि बम को तमिलनाडु के फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर वाली मोटरसाइकिल में रखा गया था। नीले रंग की यह मोटरसाइकिल आंध्र प्रदेश से चुराई गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक भाजपा कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी की फुटेज जांच में मददगार साबित हो सकती है। इस बीच राज्य के डीजीपी एलआर पचाऊ ने बताया कि पुलिस अभी विस्फोटक के बारे में पता लगा रही है।
धमाके पर कांग्रेस-भाजपा में सियासी गोलाबारी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कर्नाटक भाजपा दफ्तर के बाहर हुआ आतंकी धमाका भले ही बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर भीषण सियासी गोलाबारी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने जहां इस धमाके के लिए भाजपा की तरफ अंगुली उठाई। वहीं इससे उखड़ी भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर राजनीति के लिए कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया। भाजपा के इस रुख के बाद कांग्रेस महासचिव व मीडिया विभाग के चेयरमैन जनार्दन द्विवेदी और गृह मंत्रालय ने शकील के बयान से दूरी बनाकर इस प्रकरण से पल्ला झाड़ लिया, लेकिन तब तक मामला गरमा चुका था।
बेंगलूर में भाजपा दफ्तर के बाहर हुए विस्फोट पर सियासी बमबाजी की शुरुआत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने शुरू की। उन्होंने सोशल साइट ट्विटर पर लिखा कि ‘बेंगलूर में हुए विस्फोट से भाजपा को चुनावों में फायदा होगा।’ जाहिर तौर पर उनका इशारा इस विस्फोट के लिए भाजपा की तरफ था। शकील के बयान से नाराज भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह खुद मैदान में कूदे और उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कभी आतंकवाद पर राजनीति नहीं करती। पार्टी अध्यक्ष के तेवर देखने के बाद भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया।
शाहनवाज ने कहा कि ‘शकील अहमद का बयान गैरजिम्मेदाराना और बेहद असंवेदनशील है। इससे आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस का असली चेहरा भी सामने आता है।’ शाहनवाज ने उल्टे कांग्रेस से पूछा कि ‘वह बताए कि आजादी के बाद अब तक हुए आतंकी धमाकों से उन्हें कितना फायदा मिला.?’
मामले को तूल पकड़ता देख कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी को सामने आना पड़ा। उन्होंने शकील का नाम लिए बगैर कहा कि ‘आतंकवाद पर सियासत नहीं होनी चाहिए।’ वहीं, गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने भी कहा कियह देश की संप्रुभता और सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
आतंक से लड़ने में नाकामी का नतीजा बेंगलूर धमाका
नई दिल्ली। बेंगलूर में भाजपा कार्यालय के बाहर हुए धमाके में आतंकियों के स्लीपर सेल के शामिल होने की आशंका जताते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आतंक से लड़ने में नाकाम रही है। उन्होंने कांग्रेस नेता शकील अहमद के ट्वीट पर टिप्पणी से इन्कार कर दिया। अहमद ने लिखा था, ‘धमाके से भाजपा को कर्नाटक चुनाव में फायदा मिलेगा।’ इस पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह किसी एक व्यक्ति की साजिश है।’
राजनाथ ने कहा कि पूरे देश में आतंकी गतिविधियां हो रही हैं। आतंकियों के कुछ स्लीपर मॉड्यूल देश के विभिन्न हिस्सों में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। केंद्र सरकार इन स्लीपर सेल को खत्म करने का प्रयास भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार से धमाके को लेकर बातचीत की।
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने भी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘हम शकील अहमद के बयान की निंदा करते हैं। साथ ही सोनिया गांधी से पूछते हैं कि क्या पार्टी प्रवक्ता को धमाके पर राजनीति करने के लिए अधिकृत किया गया है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए आतंकवाद और धमाके से कहीं बड़ा मुद्दा वोट है।
आइबी को नहीं थी बेंगलूर धमाके की जानकारी
नई दिल्ली। हैदराबाद धमाके के लिए पहले से राज्य सरकार को चेतावनी का दावा करने वाले खुफिया ब्यूरो [आइबी] ने बेंगलूर धमाके पर चुप्पी साध ली है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि आइबी की ओर से इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली थी। नाकामी की झेंप मिटाने के लिए आइबी ने सभी राज्यों कोरामनवमी तक आतंकी हमले के लिए अलर्ट कर दिया है।
बेंगलूर हमले में आइबी की नाकामी को गृह मंत्रालय के अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बेंगलूर हमेशा से आतंकियों के रडार पर रहा है। सात महीने पहले ही वहां वरिष्ठ भाजपा नेताओं व कुछ पत्रकारों पर हमले की साजिश रचने के आरोप में लश्कर-ए-तैयबा के 17 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] 20 फरवरी को 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जाहिर है आइबी के अधिकारियों को बेंगलूर में आतंकी गतिविधियों पर विशेष नजर रखनी चाहिए थी। इस साल की शुरुआत में आइबी की कमान संभालने वाले आसिफ इब्राहिम की यह सबसे बड़ी विफलता मानी जा रही है।