नई दिल्ली। पिछले साल गैंगरेप की शिकार लड़की के दोस्त व घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह पर केंद्र सरकार मेहरबानी के मूड में नहीं है। पीड़िता के दोस्त ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिखकर नौकरी की मांग की है, लेकिन उसके पत्र पर विचार करने की बजाय मंत्रालय ने इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया है। ध्यान देने की बात है कि केंद्र सरकार ने पीड़ित लड़की के परिवार को फ्लैट के साथ-साथ उसके एक भाई को सरकारी नौकरी भी दी है।
पीड़िता के दोस्त ने शिंदे को लिखे डेढ़ पेज के पत्र में विस्तार से बताया कि घटना के बाद वह किन मुश्किलों का सामना कर रहा है। पत्र के अनुसार, इस दौरान उसके इलाज पर 18-20 लाख रुपये खर्च हुए हैं और अब दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के लिए उसे अदालत के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह होने के कारण उसका अदालत में मौजूद रहना बहुत जरूरी है।
16 मार्च को भेजे गए पत्र के साथ उसका दो पेज का बायोडाटा भी संलग्न है। दूसरी तरफ, मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी घटना के चश्मदीद गवाह को सरकारी मदद या नौकरी देने का कोई नियम नहीं है और पीड़िता के परिवार वालों की सहायता का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब दिल्ली सरकार पीड़िता के दोस्त के बारे में आगे विचार कर सकती है।