कोलकाता। चिट फंड कंपनी सारधा घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि जिस दौरान कंपनी के चेयरमैन सुदीप्त सेन फरार थे उस वक्त कंपनी में 10 हजार फर्जी पॉलिसी बनाई गई। यह पॉलिसी कंपनी के एजेंट और आईटी विभाग की मदद से बनी।
इधर, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा है कि चिटफंड कंपनियों की शिकार आम जनता का पैसा वापस लौटाने की समुचित व्यवस्था की गई है। पूर्व न्यायाधीश श्यामल सेन की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया गया है। दोषियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम लगाई गई है। इस संबंध में विधेयक पारित होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और उनकी संपत्ति जब्त कर जनता का पैसा लौटाना आसान होगा।
मित्रा ने सोमवार को विधानसभा में दि वेस्ट बंगाल प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिर्ट्स इन फिनानशियल इस्टैबलिशमेंट बिल 2013 पर हुई बहस के जवाब में ये बातें कही। विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। हालांकि वाममोर्चा, कांग्रेस तथा एसयूसीआइ का संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गया। संशोधन प्रस्ताव खारिज होने के विरोध में सदस्यों ने वाकआउट किया। सरकार ने दो निजी कंपनियों के कामकाज को संदिग्ध मानते हुए उनकी धन वसूली प्रक्रिया को रोकने का निर्णय लिया है। सरकार ने अभी उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।