इस कैदी की चोटों से मिला पाक को अंगुली उठाने का मौका

pak-can-rise-question-on-sanaullah-injuriesनई दिल्ली। जम्मू की जेल में साथी कैदी के साथ झगड़े में पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह को आई चोटों ने पाकिस्तान को भी अंगुली उठाने का मौका दे दिया। कोट भलवाल जेल में शुक्रवार सुबह पाक कैदी के घायल होने की खबर के बाद फौरन विदेश मंत्रालय पहुंचे पाक उच्चायुक्त ने गंभीर चिंताएं जताने के साथ ही उसके लिए राजनयिक संपर्क की इजाजत मांगी। घटना पर खेद जताते हुए सरकार ने तीन पाकिस्तानी अधिकारियों सहित चार लोगों को सनाउल्लाह से राजनयिक संपर्क की इजाजत दे दी है।

भारत ने ताजा घटनाओं के मद्देनजर कैदियों के मुद्दे पर दोनों मुल्कों के बीच बैठक का प्रस्ताव रखा है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन के मुताबिक जरूरी है कि कैदियों की सुरक्षा के मामले पर मौजूदा उपायों की समीक्षा की जाए। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव उपाय मुकम्मल किए जाने की जरूरत है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू में हुई घटना की जांच की जा रही है और दोषियों को सजा मिलेगी। वहीं, जम्मू की जेल में सनाउल्लाह पर हमले के बाद विदेश मंत्रालय पहुंचे पाक उच्चायुक्त सलमान बशीर ने भारत से मामले पर विस्तृत जानकारी और चिकित्सा सुविधाओं पर सूचना मांगी।

पाक उच्चायोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत में मौजूद अपने कैदियों की हिफाजत पर भी अपनी चिंताएं सामने रखीं। बाद में पाक उच्चायोग ने सनाउल्लाह को मानवीय आधार पर रिहा कर इलाज के लिए पाक भेजने की भी मांग रखी। इस पर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। इस बीच, गृह मंत्रालय ने घटना पर राच्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सरबजीत सिंह की मौत के बाद भारत में सभी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए जा चुकेहैं।

विदेश मंत्रलय के मुताबिक भारतीय जेलों में विभिन्न अपराधों के तहत 227 पाकिस्तानी बंद हैं। जबकि पाक जेलों में 483 मछुआरों समेत 535 भारतीय बंद हैं।

कैदी पर हमले से कमजोर हुआ भारत का पक्ष

जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह हक पर जानलेवा हमले को बसपा प्रमुख मायावती ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरबजीत मामले से दुनिया भर में पाकिस्तान के खिलाफ जो दबाव बन रहा था, इससे उसे झटका लगा है। उन्होंने कहा कि सरबजीत की मौत पर देश में घिनौनी राजनीति शुरू हो गई है। साथ ही बसपा प्रमुख ने सरकार को नसीहत दी है कि चीन के खिलाफ सही समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे।

मायावती ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू में पाकिस्तानी कैदी पर हमला देश के लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान में सरबजीत की घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बनने लगा था। ऐसे में जम्मू की घटना से उसे झटका लगा है। इस घटना से सबक लेते हुए राच्यों को जेलों में बंद पाक कैदियों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार को पाकिस्तान के जेलों में बंद भारतीय कैदियों को वापस लाने का ठोस प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरबजीत की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर भी गंदी राजनीति शुरू हो गई है। एक-दूसरे पर आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है, जबकि इस समय राजनीति के बजाय एकजुट होने की जरूरत है। लद्दाख में चीनी सेना के भारतीय सीमा में घुसपैठ के सवाल पर मायावती ने कहा कि सरकार को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सही समय पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे।

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