धनबाद। बलि से पहले एक औघड़ के चंगुल से दो बच्चियों को बचा लिया गया। घटना धनबाद के रांगाटांड़ की है।
औघड़ ने अपने घर में दोनों बच्चियों सीमा (4 साल) और रीना (ढाई साल) को बांध कर रखा था। बलि की पूरी तैयारी थी, दोनों के गले में फूलों की माला डाली गई थी। अनुष्ठान चल रहा था। बच्चियां डर से जब घर जाने की जिद करने लगीं तो औघड़ ने दोनों के शरीर को अगरबत्ती से दाग दिया। ऐन वक्त पर लोग वहां आ धमके और बच्चियों को औघड़ से मुक्त कराया। आक्रोशित ग्रामीणों ने पिटाई के बाद औघड़ मुनीलाल राम को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। मुनीलाल धनबाद आरपीएफ में हवलदार के पद पर पंद्रह साल से काम कर रहा है। वह तंत्र-मंत्र और औघड़ का भी काम करता है। पुलिस ने उसके घर से नौ नरमुंड, तलवार, त्रिशूल और कई चीजें बरामद की हैं।
घटना के संबंध में सीमा और रीना के पिता रमेश यादव ने बताया कि शाम से उनकी दोनों बेटियां घर से गायब थीं। पहले उन्हें लगा कि बच्चियां कहीं खेल रही होंगी। शाम ढलते ही आ जाएंगी। रात होने लगी तो चिंता बढ़ी। खोजबीन के क्रम में उनके भतीजे ने बताया कि हवलदार मुनीलाल को सीमा और रीना को लेकर जाते हुए देखा था। यह सुनकर रमेश और उसके कई रिश्तेदार मुनीलाल के घर पहुंच गए।
मुनीलाल के दरवाजे पर दस्तक दी। दरवाजा नहीं खोलने पर लोगों ने हंगामा शुरू किया, तब मुनीलाल दरवाजा खोलते ही तलवार लेकर लोगों पर टूट पड़ा। किसी तरह लोगों ने उसके हाथ से तलवार छीनी। इसके बाद कुछ लोग हवलदार के घर के अंदर गए और बच्चियों को बाहर निकाला। बच्चिायां डर से कांप रही थीं। इसके बाद लोगों ने पहले हवलदार की पिटाई की फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। घटना से हवलदार का परिवार खौफजदा है।
डरी-सहमी सीमा ने बताया कि उसे बिस्कुट देने की बात कह उसे और रीना को मुनीनाल अपने घर ले गए थे। इसके बाद उन्हें रस्सी से बांध दिया। फिर गले में माला डाली और पास में अगरबत्ती जला दी। जब घर जाने की जिद की तो अगरबत्ती से शरीर दाग दिया और कहा कि आज तुम दोनों की बलि देंगे।
उधर, मुनीलाल ने बताया कि वह औघड़ है और पूजा-पाठ करता है। उसकी भी तीन बेटियां हैं। उसी के साथ मुहल्ले की दोनों बच्चियां खेल रही थीं। औघड़ किसी की बलि नहीं देते हैं। लोगों ने उन्हें फंसाया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। औघड़ पुलिस हिरासत में है।