सरकार नहीं कर सकी वह ग्रामीणों ने कर दिखाया

villagers-established-micro-thermal-power-plant-in-hazaribaghहजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिला स्थित कुम्हरा बेंगवरी गांव के लोगों ने अपने सामूहिक प्रयास से वह कर दिखाया जो आज तक कोई भी सरकार उनके लिए नहीं कर पाई। ग्रामीणों ने गांव की जरूरत के लिए माइक्रो थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर 1800 आबादी वाले गांव के 200 घरों को बृहस्पतिवार को रोशन कर दिया। यह प्रयास उन तमाम गांवों के लिए प्रेरणादायी है, जो बिजली नहीं होने का रोना रोते-रोते थक चुके हैं।

कुम्हरा बेंगवरी की आधी आबादी निरक्षर है। मूलत: कृषि पेशा से जुड़े ग्रामीणों को बिजली की कमी हमेशा सालती थी। तभी सामने आए बड़कागांव के मिथिलेश दांगी। उन्होंने सुन रखा था कि गुजरात में माइक्रो थर्मल पावर का इजाद हुआ है। उनके साथ ग्रामीण गुजरात गए व प्लांट लगाने की जानकारी हासिल की व प्रशिक्षण लिया। कुल छह लाख रुपये खर्च बैठ रहे थे। ग्रामीणों की माली हालत ऐसी नहीं थी। तब उन्होंने समिति बनाई। नाबार्ड, रांची उन्हें वित्त पोषण करने को तैयार हुआ। गांव के इस सपने को साकार करने के लिए पांच लाख का प्लांट खरीद लिया गया। हर घर में बिजली के तार लगा दिए गए। गुरुवार को गांव केशिव मंदिर परिसर में कुम्हरा बेंगवरी संयत्र चालू कर इलाहाबाद के प्रो. प्रदीप कुमार ने गांव की समिति को सुपुर्द कर दिया।

खास बात

1. संयत्र से प्रति घंटा 10 किलो वॉट विद्युत तैयार होगा

2. प्रति घंटा 8 किलो कोयला की खपत होगी

3. वृहत जलसंचय की आवश्कता नहीं

4. दो डिसमिल जमीन पर लगा संयत्र

5. हर घर में जलेंगे तीन बल्ब, एक टीवी व पानी का मोटर

6. शाम छह से रात 11 बजे तक मिलेगी बिजली

7. हर घर का बिजली बिल होगा 125 रुपये

8. इसी पैसे से खरीदा जाएगा कोयला

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