जांच के दायरे में आए कार्टून चैनल

cartoon-channels-comesनई दिल्ली। कार्टून चैनलों पर आपत्तिजनक सामग्री की तमाम शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए ब्रॉडकास्टिंग कांटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) ने ऐसे चैनलों के प्रसारणकर्ताओं से प्रसारण सामग्री को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने को कहा है। बच्चों से जुड़े ऐसे चैनलों पर चुंबन, आत्महत्या और अश्लील समझे जाने वाले दृश्य दिखाए जाने की शिकायतें मिली हैं। बच्चों से जुड़े चैनलों पर रियलिटी शो और वयस्क सामग्री के कार्यक्रमों के प्रोमो दिखाने जाने पर भी आपत्ति जताई गई है।

सूत्रों के मुताबिक, स्वनियामक आयोग बीसीसीसी की बृहस्पतिवार को जस्टिस एपी शाह की अध्यक्षता में बैठक हुई और इन शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाया गया। चैनलों ने अपने बचाव में कहा कि वयस्क या बच्चों से जुड़े चैनलों का कोई बंटवारा नहीं है। हालांकि, बीसीसीसी ने किसी भी तरह के प्रतिबंध से बचते हुए बच्चों से जुड़े कार्यक्रम दिखाने वाले चैनलों से प्रसारण सामग्री को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतने की हिदायत दी। संस्था ने कहा कि बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोमो में चुंबन दृश्य दिखाए गए। वहीं, कार्टून सिरीज में लड़की का स्कर्ट उठाने से लेकर आत्महत्या किए जाने तक के दृश्य दिखाए गए, जो बच्चों के मासूम मन पर गलत असर डालते हैं।

बीसीसीसी ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक में कहा कि मां-बाप अपने बच्चों को कार्टून चैनल देखने की पूरी छूट देते हैं क्योंकि वह आश्वस्त होते हैं कि इसमें केवल उनके बच्चों लायक सामग्री ही दिखाई जाती है। लेकिन उन चैनलों पर भी अश्लील विषय और सामग्री दिखाए जाने पर ये बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर डालेगा।

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले एक कार्टून चैनल हंगामा टीवी के कार्टून शो में प्रयुक्त शब्दावली और कंटेंट को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद विवादास्पद कार्टून शो शिनचैन कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि उसकी नई सीरिज दो साल के बाद पुन: शुरू हो गई। अब कई जापानी कार्टून और कुछ अमेरिकी कार्टून शो को लेकर भी दर्शकों से शिकायतें आने लगी हैं। लिहाजा एक बार फिर इस मसले पर आयोग का रुखकड़ा हो गया है और टीवी चैनलों को हिदायतें दी गई हैं।

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