नई दिल्ली। यूपीए 2 के चार साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। इससे पहले बीजेपी ने सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि ये सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है। इस सरकार के कार्यकाल में जिस तरह से भ्रष्टाचार, महंगाई और घोटालों ने अंगड़ाई ली है इसके बाद कांग्रेस और सरकार से देश की जनता भरोसा टूट गया है। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि वो किस बात का जश्न मना रही है, कार्यकाल में चार साल पूरे होने का या आम जनता के दर्द का। सरकार को बस सरकार में बने रहने का ही अहंकार है और कुछ नहीं। वहीं, अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने सीबीआई का भी दुरुपयोग किया है और अब जीओएम बना कर आम जनता को गुमराह कर रही है।
अरुण जेटली ने नए कैग की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद ही जांच के घेरे में हैं तो वह अन्य चीजों की क्या खाक जांच करेंगे।
उन्होंने राजनीति में प्रधानमंत्री के रोल पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा सीबीआई के डर से सरकार के साथ खड़ी है। चारों ओर निराश का माहौल है और ऐसे निराशाजनक और नकारात्मक माहौल में वर्षगांठ का जश्न कतई मंजूर नहीं। सरकार ने घोटालों की हदें पार कर दी है।
गौरतलब है कि आज यूपीए 2 अपने चार साल के कार्यकाल को पूरा करने के मद्देनजर सरकार की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी करने वाली है। जहां यूपीए सरकार रिपोर्ट में अपने शासनकाल का पूरा ब्यौरा देंगे,वहीं भाजपा भी बाजपेयी सरकार केछह साल के शासन और यूपीए सरकार के चार साल के शासन व अन्य योजना की तुलना आंकड़ों के साथ करेगी।
इधर सरकार पेश करेगी रिपोर्ट तो उधर भाजपा गिनाएगी इनकी नाकामी
सूत्रों का कहना है कि भाजपा यूपीए सरकार की प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक में कमियों को तुलना वाजपेयी सरकार की अंत्योदय योजना की सफलता के साथ करेगी। इसके अलावा विदेश नीति और आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का भी जिक्र किया जाएगा।
गौरतलब है कि मंगलवार को भाजपा की संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी ने कहा है कि एनडीए लोकसभा चुनाव के लिए बिल्कुल तैयार है। भाजपा ने यूपीए सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया है। बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें आपस में चर्चा कर जनता के बीच जाना चाहिए। 27 मई से 2 जून तक जेल भरो आंदोलन चलेगा, जिसकी घोषणा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पहले ही कर दी थी।
बैठक में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। बैठक में भाग लेने के लिए गुजरात के मुख्य मंत्री सुबह ही दिल्ली पहुंच गए। मोदी के लिए संसदीय दल की बैठक में शामिल होने का यह पहला मौका है। मोदी, भाजपा के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें संसदीय दल में चुना गया है।