छह साल बाद पति को मिली घर में जाने की इजाजत

six-years-husband-gets-the-permission-to-enter-at-his-own-homeमुंबई। छह साल पहले पत्नी और उसके रिश्तेदारों द्वारा घर से निकाले जाने के बाद होटल में रहने को मजबूर एक व्यक्ति को बांबे हाई कोर्ट ने उसे फ्लैट में रहने की इजाजत दे दी है। न्यायाधीश एफएम रईस और वीएम खनाडे के आदेश केमुताबिक पति उपनगर बांद्रा स्थित 700 वर्ग फीट क्षेत्र में बने फ्लैट के एक कमरे में रह सकता है, जबकि पत्नी दूसरे कमरे में।

कोर्ट ने पत्नी को घर की डुप्लीकेट चाबी पति को दो हफ्ते के भीतर सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही दोनों को एक दूसरे के काम में हस्तक्षेप न करने की भी हिदायत दी। अदालत ने पति को रसोई और बाथरूम इस्तेमाल करने की भी इजाजत दी। साथ ही कहा कि अन्य सामान्य सुविधाएं दोनों पक्षों द्वारा इस्तेमाल की जाएंगी।

पति के मुताबिक पत्नी और उसके रिश्तेदारों के उत्पीड़न के बाद उसे जबरन 22 जुलाई, 2007 को अपना घर छोड़ना पड़ा। उसके बाद उसे घर में वापस नहीं आने दिया गया। जब उसने घर में घुसने की कोशिश की तो साले ने उसकी पिटाई की। नतीजन, 2007 से उसके पास होटल में रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

महिला ने आरोप लगाया कि पति उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था, ऐसे में यदि उसे घर में रहने की इजाजत दी जाती तो परेशानियां पैदा होतीं। अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक की याचिका को खारिज कर दिया है और यह घर उसने शादी से पहले खरीदा था। इसलिए उसे वहां रहने से रोका नहीं जा सकता।

हाई कार्ट ने गत 21 अप्रैल के फैमिली कोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसके तहत पत्नी को हर महीने 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने को कहा गया था।

 

 

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