विनोद राय आज होंगे रिटायर, शशिकांत शर्मा होंगे नए कैग

shashi-kant-sharma-to-be-new-cagनई दिल्ली। रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को भारत का अगला नियंत्रक-महालेखापरीक्षक नियुक्त किया गया है। बिहार कैडर के 1976 वर्ष आइएएस अधिकारी शर्मा अवकाश ग्रहण कर रहे कैग विनोद राय का स्थान लेंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को 62 वर्षीय शर्मा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 148 [1] के तहत राष्ट्रपति ने शशिकांत शर्मा आइएएस को भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक नियुक्त किया है।

देश के सर्वाधिक चर्चित नियंत्रक-महालेखापरीक्षक [कैग] विनोद राय बुधवार को अवकाश ग्रहण करने जा रहे हैं। लेकिन चलते-चलाते उन्होंने इसके अधिकारों का दायरा बढ़ाने का मुद्दा उछाल दिया।

राय के अनुसार, सरकारी निजी भागीदारी [पीपीपी], पंचायती राज और सरकारी फंड ले रहीं गैर सरकारी संस्थाओं [एनजीओ] को भी कैग के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए।

रिटायर होने से पहले विनोद राय ने उठाया ये सवाल

विनोद राय :

भारत के 11वें नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय का जन्म 23 मई 1948 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर [मोहम्मदाबाद] में हुआ था। इस पद पर उनकी नियुक्ति 7 जनवरी, 2008 को हुई थी। हाल ही में यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान लाखों करोड़ रुपये के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला एवं कोयला आवंटन घोटाला की सनसनीखेज रिपोर्टो के कारण वे चर्चा में आएं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमए करने के साथ ही विनोद राय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त कर रखी है। 1972 बैच के आईएएस अधिकारी रहे विनोद राय इससे पूर्व कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक [सीएजी] :

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक [सीएजी] संस्थान 153 वर्ष का हो चुका है। इसकी स्थापना 1860 में हुई थी। सीएजी तीन तरह के लेखापरीक्षण करता है- वित्तीय, अनुपालन और निष्पादन। अधिकारियों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने 2006 में कहा था कि निष्पादन लेखापरीक्षण सीएजी के कार्यक्षेत्र में आते हैं और उन्हें दस्तावेज दिखाया जाना चाहिए।

देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय को, इस संवैधानिक संस्था को सुशासन और प्रशासनिक ईमानदारी के लिए काम करने वाला एक आक्त्रामक योद्धा बनाने के लिए याद किया जाएगा। राय का कार्यकाल बुधवार को पूरा होने जा रहा है। राय का कार्यकाल [2008-13] कुछ विवादास्पद रहा। पहले सीएजी कार्यालय को काफी कम लोग जानते थे लेकिन अपने कार्यकाल में इस कार्यालय ने कई राजनीतिक तूफान खड़े किए। कार्यालय की कई लेखापरीक्षा रपटें, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के लिए परेशानी पैदा करने वाली रहीं।

2010 राष्ट्रमंडल खेल, 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन और कोयला खनन पट्टी के आवंटन से संबंधित सीएजी की रपटों से संप्रग सरकार की छवि धूमिल हुई और विपक्ष को सरकार के खिलाफ मजबूत मुद्दे मिले। हालांकि कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि सीएजी ने अपनी हदें पार की है।

अब तक के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक :

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, कार्यकाल का आरंभ, कार्यकाल समाप्त

1 वी नरहरि राव 1948 1954

2 एके चन्द 1954 1960

3 एके राय 1960 1966

4 एस रंगनाथन 1966 1972

5 ए बक्षी 1972 1978

6 ज्ञान प्रकाश 1978 1984

7 त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी 1984 1990

8 सीएस सोमैया 1990 1996

9 वीके शुंगलू 1996 2002

10 वीएन कौल 2002 2008

11 विनोद राय 2008 2013

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